रायपुर वॉच

शराब के राजस्व में सरकारी डाका, खुद की तिजोरी भर रही सरकार : कौशिक

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  • सरकार के निगरानी में बिना हॉलमार्क वाली खप रही शराब

  • सिमगा में पकड़ाई शराब से खुली सरकार की पोल

  • नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने उठाये अवैध शराब परिवाहन को लेकर सवाल

रायपुर : नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने राज्य में बिना हॉलमार्क, बिना लाइसेंस ड्यूटी जमा किये,  अवैध तरीके से दो नम्बर के शराब की सरकारी दुकान से बिक्री का खुला आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा कर सरकार खुद की तिजोरी भर रही है और सरकारी राजस्व को सीधा नुकसान पहुंचाया जा रहा है। श्री कौशिक ने सोमवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए सिमगा में विधायक शिवरतन शर्मा द्वारा गत 16 जुलाई को पकड़े गए वाहन क्रमांक सीजी 10 टी 5202 से 400 देशी पेटी मदिरा बरामद हुई है। यह शराब सीधे गोदाम से बिना ट्रैक एंड ट्रैक सिस्टम से बाहर निकला था, जिसमे ना तो छत्तीसगढ़ सरकार का हॉलमार्क था और ना ही बेवरेज कार्पोरेशन में इसकी लाइसेंस ड्यूटी जमा की थी, इस शराब को सीधे सरकारी दुकान से खपाने की तैयारी की गई थी। श्री कौशिक ने कहा की भाजपा शुरू से शराब दुकानों में दो- दो गल्ला का आरोप लगाती रही है, सिमगा में पकड़ाई शराब ने इस बात को प्रमाणित कर दिया कि सरकार की शह पर शराब दुकानों में दो नम्बर का शराब बेचा जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर इस शराब की बिक्री का पैसा किसकी तिजोरी में जा रहा?

कलेक्टर एसपी की कार्यप्रणाली संदिग्ध-

श्री कौशिक ने इस मामले में जिले के कलेक्टर और एसपी के कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाया कि आखिर एक वरिष्ठ विधायक दुकानों में अवैध ढंग से पहुँची शराब को पकड़ रहे है, रात तक चक्काजाम करने के बाद भी कलेक्टर- एसपी, घटनास्थल तक नही पहुँचे, केवल दिखावे के लिए पुलिस की कागज़ी कार्रवाई कर दी गई। उन्होंने इस मामले में कलेक्टर और एसपी की कार्यप्रणाली पर उंगली उठाते हुए कहा की इसकी शिकायत केंद्र सरकार के डीओपीटी को भेजा जाएगा।

शराब के अवैध परिवहन पर सवाल:-

श्री कौशिक ने कहा कि सिमगा ही नही प्रदेश के सभी जिलों में इसी तरह शराब का अवैध परिवहन किया जा रहा है और जिला प्रशासन आंख मूंदकर बैठा है। उन्होंने पूछा कि राज्य में 337 देशी शराब की दुकान समेत 715 शराब दुकानें हैं, जिसमें सरकार शराब बेच रही है। उन्होंने बताया कि शराब सीधे डिस्टलरी से ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम से पहले वेबरेज कारपोरेशन के गोदाम आना चाहिए, क्योंकि डिस्टलरी में भी आबकारी विभाग का अधिकारी तैनात होता है,  वेबरेज कारपोरेशन में शराब की लाइसेंस ड्यूटी चालान से जमा होती है, इन्ही हॉलमार्क भी लगाया जाता है, फिर मार्केटिंग कारपोरेशन के डिमांड पर दुकानों को शराब भेजी जाती है, यह पूरी प्रक्रिया है। मगर कांग्रेस की सरकार में माल सीधे गोदाम से निकलकर दुकान में पहुँच रहा है। जो कई सवालों को जन्म देता है।

पूरे प्रदेश में अवैध शराब की हो रही  बिक्री

उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में एक ही हालात है और अवैध शराब की बिक्री चरम पर है । प्रदेश सरकार की कहीं भी मंशा नहीं है कि प्रदेश में शराबबंदी की जाए क्योंकि इस तरह से शराब परिवहन और बिक्री के नए-नए अवैध तरीके से सरकार को जो कथित आर्थिक लाभ हो रहा है उसके मोह में प्रदेश सरकार अवैध शराब के बिक्री को प्रोत्साहित कर रहे है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। पूरे प्रकरण में संलिप्त लोगों पर कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए। इसके अलावा इस तरह के पूरे प्रदेश में चल रहे अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाने के लिए प्रदेश सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए।

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