रायपुर : सुदूर आदिवासी एवं दुर्गम इलाके उदंति अभ्यारण्य के गांवों में लो वोल्टेज की समस्या दूर कर ली गई है। पहले जिन गांवों में 70 वोल्ट का पावर मिलता था, वहां अब 240 वोल्ट तक बिजली सप्लाई हो रही है। गरियाबंद जिले के अंतिम छोर पर स्थित देवभोग क्षेत्र में लो वोल्टेज की समस्या कई वर्षों से थी, जिसका प्रमुख कारण गरियाबंद से देवभोग की दूरी 127 किलोमीटर होना ही प्रमुख रहा है। इस समस्या के स्थायी निदान हेतु छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनी का इंदागांव में नया 132 केवी उपकेंद्र का निर्माण प्रगति पर है, जिसके जून 2022 तक पूरा होने की संभावना है।
इस तकनीकी समस्या के तात्कालिक समाधान करते हुए 132 केवी नगरी उपकेंद्र की विद्युत आपूर्ति मैनपुर तक लाने के लिये नई लाइन खींची गई है। नयी लाइन हेतु 13 किलोमीटर का निर्माण कार्य पूर्ण कर विद्युत आपूर्ति चालु कर दी गई है। इस नए लाइन से पूरे क्षेत्र के वोल्टेज में सुधार आ गया है जिससे क्षेत्र के लगभग 250 गांवों को लो वोल्टेज की समस्या दूर हो गई है।
उदंति अभ्यारण्य के इंदागांव, अमलीपदर, गोहरापदर, देवभोग और झाखरपारा में पहले गरियाबंद के 132 केवी ईएचटी सब स्टेशन से बिजली सप्लाई होती थी, जिससे कई सालों से लो वोल्टेज की समस्या थी। इसके लिये मेचका-मैनपुर तक 13 किलोमीटर की 33 केवी लंबी नई लाइन खींचकर 132केवी की विद्युत प्रदाय से जोड़ा गया है। नगरी-मैनपुर लाइन में जोड़ दिया गया। पहले इंदागांव में 90 वोल्ट मिलता था, वह बढ़कर 240 वोल्ट तक पावर मिलने लगा। अमलीपदर में 90 वोल्ट की जगह 210 केवी बिजली मिलने लगी है। इसी तरह गोहरापदर में 80 वोल्ट के स्थान पर 210 वोल्ट, देवभोग में 120 वोल्ट के स्थान पर 180 वोल्ट और झाखरपारा में 90 वोल्ट के स्थान पर 170 वोल्ट बिजली मिलने लगी है। मुख्य अभियंता (रायपुर ग्रामीण) राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि इससे 40 हजार से अधिक उपभोक्ताओं को लो वोल्टेज से निजात मिली है। ग्रामीणों को बेहतर बिजली आपूर्ति की जा रही है। इसके अलावा गरियाबंद में 132 केवी का अतिउच्चदाब उपकेंद्र निर्माणाधीन है, जिसके बनने के बाद बिजली व्यवस्था और बेहतर हो जाएगी।