रायपुर वॉच

ADG जीपी सिंह के बंगले के हर कोने की जांच, 30 घंटों से रेड जारी, महीनों तक जासूसी के बाद अब हुई कार्रवाई

रायपुर : रायपुर, दुर्ग रेंज के IG रह चुके और ACB के पूर्व चीफ जीपी सिंह के घर पर शुक्रवार को बीते 30 घंटों से रेड की कार्रवाई जारी है। गुरुवार को सुबह 6 बजे छापा मारने पहुंंची ACB की टीम अब भी उनके सरकारी बंगले में जमी हुई है। अफसर से पूछताछ जारी है, घर से मिली तमाम फाइलों और कंप्यूटर-लैपटॉप को बारीकी से खंगाला जा रहा है। गुरुवार को खुफिया इनपुट के बाद ACB-EOW की टीमों ने एक साथ रायपुर, राजनांदगांव, ओड़िशा के कुल 15 ठिकानों पर छापा मारा। सूत्रों के मुताबिक अफसर जीपी सिंह खुद इस कार्रवाई से हक्का-बक्का रह गए। ACB की टीम लगातार जीपी सिंह और इनसे जुड़े कुछ कारोबारियों पर पिछले कई महीनों से खुफिया नजर रखे हुई थी। इस रिपोर्ट में जानिए आखिर प्रदेश की इतनी बड़ी कार्रवाई के पीछे की कहानी।

ACB को मिले अपने ही चीफ के खिलाफ सबूत
जीपी सिंह के घर पर जिस ACB की टीम ने छापा मारा, खुद सिंह उसके प्रमुख रह चुके हैं। इस वक्त सिंह के पास पुलिस एकेडमी का जिम्मा है। ADG रैंक के इस अफसर पर कार्रवाई से पहले पूरा होम वर्क ACB की टीम ने कर रखा था। जांच दल के अफसरों ने बताया कि पिछले लंबे वक्त से आर्थिक अपराध ब्यूरो में चीफ रहने के दौरान अवैध वसूली, ब्लैकमेल और करोड़ों की प्रॉपर्टी होने की शिकायतें मिल रही थीं। ये खुफिया किसी और ने नहीं बल्कि उन लोगों ने ही ACB तक पहुंचाई जो जीपी सिंह के डर से जमीन और करोड़ों रुपए उनके नाम कर चुके थे।

जीपी सिंह के खिलाफ शिकायत करने वालों में प्रदेश के बड़े कारोबारी और अफसर शामिल हो सकते हैं। दिन भर चली जांच में अफसरों को कई फाइलें और पेन ड्राइव मिली हैं। जांच दल की तरफ से आधिकारिक रूप से कहा गया कि करोड़ों की अवैध संपत्ति, बड़े लेन-देन, शेल कंपनियों में निवेश करके मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं। गुरुवार देर रात जांच के बाद अब जीपी सिंह पर भ्रष्टाचार के मामले में FIR दर्ज कर ली गई है। अब भी जांच जारी है।

कारोबारी रखते थे दो नंबर की कमाई का हिसाब
एक चर्चा ये भी है राजनांदगांव, रायपुर और ओडिशा के कुछ कारोबारी जीपी सिंह के बेहद करीबी हैं। दो नंबर की कमाई का इंवेस्टमेंट और इसका हिसाब इन्हीं में से कुछ कारोबारी होते थे। खुद आगे आकर जीपी सिंह इसमें इंवॉल्व नहीं होते थे। आयकर विभाग ने पिछले साल रायपुर के वीआईपी रोड पर प्रीतपाल सिंह के फार्महाउस तथा एक बिल्डर के कुछ ठिकानों पर सर्वे किया था। सूत्रों के अनुसार उसी जांच में जीपी सिंह नाम से निवेश के कुछ कागजात मिले थे, लेकिन यह जांच आगे नहीं बढ़ी। एसीबी अफसरों को इसकी जानकारी थी। इस इनपुट से ACB का शक और पक्का हुआ। जीपी सिंह के साथ गुरुवार को प्रीतपाल के यहां भी टीम ने छापा मारा था।

खबर ये भी है कि ओडिशा के खदानों में भी जीपी सिंह का पैसा लगाया है। यह रकम रायपुर के व्यापारियों के जरिए इन्वेस्ट की गई है। ACB को ओडिशा में बेहिसाब बेनामी संपत्ति के सबूत मिले हैं। IPS जीपी सिंह हमेशा से सत्ता के करीबी माने जाते रहे हैं। फिर चाहे भाजपा की सरकार हो या कांग्रेस की। भाजपा शासन काल में जहां वे कई जिलों के SP, IG रेंज रहे और कई बार पुलिस भर्ती प्रमुख भी बनाया गया। कांग्रेस सरकार में भी उनका जलवा कायम रहा। जांच अफसरों ने बताया कि IPS सिंह की रायपुर के भिलाई राजनांदगांव और ओड़िशा में भी कई जगहों कोरोड़ों की प्रॉपर्टी की पुष्टि हुई है। माना जा रहा है शुक्रवार शाम या शनिवार की सुबह छापे की कार्रवाई पूरी होने के बाद इस पूरे मामले और भी खुलासे होंगे।

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