टीकम निषाद/देवभोग : अक्सर सुनने को मिलता है मजदूर गरीब व्यापारी सहित तमाम वर्ग पालकों के बच्चों का शिक्षा पर समान अधिकार होता है। लेकिन मुख्यालय पर भूपेश बघेल की स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल को संचालित करने के लिए हिंदी मीडियम स्कूल के सैकड़ों बच्चों की पढ़ाई प्रभावित करने का आंख बंद कर योजना बनाया जा रहा है। तभी भवन से लेकर शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति में भेजने की तैयारी हो रही है। गौरतलब हो कि मुख्यालय पर स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल संपादित करने के लिए राज्य सरकार ने आदेश जारी किया है ।और इसकी भर्ती प्रक्रिया लगभग पूर्ण कर हिंदी मीडियम शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला के भवन को चयन किया है । जबकि इस भवन में पहले से ही 590 छात्रा पढ़ाई करती आ रही है ।ऐसे में इंग्लिश और हिंदी मीडियम स्कूल का शिफ्टिंग में पढ़ाई संचालित करने पर सहमति बन्ना समझ से परे है। इसके अलावा सूत्रों की माने तो इस स्कूल के 6 शिक्षकों में से 4 शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति में लेने की प्रक्रिया भी जोरों पर चल रहा है। जिससे पूरी तरह हिंदी मीडियम के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने की संभावना है। क्योंकि कन्या शाला संचालित के दौरान 6 विषय के साथ 10 बजे से लेकर 4 बजे तक पढ़ाया जाता है। लेकिन शिफ्टिंग में पढ़ाया जाता है तो 11 से 4 बजे तक पढ़ाना होगा। मतलब शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के बच्चों की पढ़ाई एक घंटा कम होगी ।इसके साथ प्रतिनियुक्ति में शिक्षकों को लिया जाए तो बिन शिक्षक पढ़ाई करने को छात्रा मजबूर होंगे और पूरी वस्तु स्थिति से अवगत जिम्मेदार अधिकारी भी इस स्कूल पर हिंदी एवं स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल संचालित के लिए हामी भरे हैं ।जिसे लेकर तरह-तरह के सवाल भी खड़े किए जा रहे हैं। आपको बता दें कि ग्रामीण अंचल के बच्चों को फराटे दार अंग्रेजी शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए ।राज्य सरकार ने इंग्लिश मीडियम स्कूल संचालित कर रही है। जिसमें निशुल्क पढ़ाई पाठ्यपुस्तक लाइब्रेरी कंप्यूटर शिक्षा योग सक्षम समर्पित शिक्षक शिक्षिकाओं के माध्यम से उच्च स्तरीय शिक्षा देने की मंशा बनाया है। इसमें बच्चों को ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्य सांस्कृतिक सहित अन्य को भी प्राथमिकता दिया है। जिसके लिए शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवन को अधिकारियों द्वारा चयन किया है ।लेकिन पहले से इस शाला में 590 बच्चों को अभाव शिक्षक के साथ पढ़ाया जाता है। ऐसे में हिंदी मीडियम बच्चों की पढ़ाई प्रभावित कर इंग्लिश मीडियम स्कूल को किस तरह प्राथमिकता दिया जा सकता है। सबसे दुर्भाग्य की बात तो यह है कि सरकारी स्कूल की स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ है। फिर भी इस स्कूल पर इंग्लिश मीडियम स्कूल संचालित करने के लिए मंजूरी दिया जा रहा है ।
प्रदीप शर्मा बी ई ओ : उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश पर कन्या शाला भवन को चयन किया गया है और प्रतिनियुक्ति के लिए भी तैयारी चल रहा है