नई दिल्ली : केंद्र सरकार के कृषि कानून को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर पिछले कई महीनों से धरना दे रहे किसान अब संसद का घेराव करने के मूड में दिखाई दे रहे हैं. दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसियों को ऐसी जानकारी मिली है, जिससे पता चलता है कि इस बार 19 जुलाई से 13 अगस्त तक चलने वाले मानसून सत्र के दौरान किसान संसद भवन का घेराव कर सकते हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर बालाजी श्रीवास्तव आज दिल्ली पुलिस मुख्यालय में अपने सीनियर पुलिस अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक बुलाई है. इस बैठक में संसद सत्र के दौरान कितने अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की आवश्यकता होगी, इस मसले पर भी चर्चा होने की संभावना है.
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को और खुफिया विभाग के अधिकारियों ये इनपुट्स मिले हैं कि आगामी मानसून सत्र को लेकर कुछ किसान नेताओं द्वारा एक साजिश के तहत बैठक की गई. इस बैठक में चर्चा की गई कि संसद के घेराव करने के लिए फिर से किसानों को इकठ्ठा किया जा सकता है या नहीं? बैठक में पूछा गया कि किसानों को किस आधार पर और कैसे ज्यादा से ज्यादा संख्या में एक बार फिर से दिल्ली के बॉर्डर पर इकठ्ठा किया जा सकता है? इस मामले की जानकारी मिलने के बाद दिल्ली पुलिस एक बार फिर सतर्क हो गई है, लेकिन इस मसले का क्या समाधान होना चाहिए इस मसले पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर आगे की रणनीति बनाएंगे.
संसद सत्र के दौरान देश भर से सांसद सामान्य तौर पर राजधानी दिल्ली में रहते हैं और उस वक्त में संसद का घेराव करने की साजिश सोशल मीडिया के जरिए भी की जा रही है. एक ऐसा ही वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर देखने को मिला है. फेसबुक में किसान नेता गुरनाम सिंह किसानों से दिल्ली आने की अपील कर रहे हैं और इस मसले पर राय-मशवरा भी कर रहे हैं कि आगे क्या करना चाहिए.
गुरनाम सिंह ने अपील करते हुए कहा है कि – अगर किसी को लगता है कि ये संसद घेराव का मार्च ज्यादा उग्र हो सकता है तो- हम अपने दोनों हाथों को बांधकर आगे मार्च करेंगे. इन बातों में और इस तरह की अपील का क्या मकसद और योजना है, इस मसले को भी दिल्ली पुलिस और खुफिया एजेंसी के अधिकारी समझने में जुट गए हैं. 26 जनवरी को हुए लाल किला हिंसा मामले से सबक लेते हुए दिल्ली पुलिस अब काफी सतर्क है और इस मसले पर अपनी अगली रणनीति बना रही है.