पुलस्त शर्मा/मैनपुर : तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 22 किलोमीटर दूर ग्राम गौरगाँव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बिजली नहीं होने से यहां प्रसव कराने में भारी परेशानी होती हैं। विगत कई महिनों से स्वास्थ्य केंद्र में ऐसी स्थिति बनी हुई है लेकिन विभागीय अधिकारियों के इस समस्या पर संज्ञान नही लेने के कारण यहां स्वास्थ सुविधा भगवान भरोसे है। ज्ञात हो कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गौरगांव के अंतर्गत आठ गांव लाटापारा, गेदराबेड़ा, खरता, नयापारा, झोलाराव, घोटियाभर्री, धवईभर्री और गौरगांव आता है जहां इस स्वास्थ्य केेन्द्र में 22 गर्भवती और 25 शिशुवती अपना स्वास्थ्य संबंधी परामर्श के लिये पहुचते रहते है। रात्रि के समय मे किसी महिला को प्रसव पीड़ा उत्पन्न हुआ तो यहां बिजली के अभाव में टाॅर्च व लालटेन की रोशनी मे ही प्रसव कराना पड़ता है और तो और नेटवर्क समस्या के चलते आपातकालीन स्थिति में 102 व 108 भी समय पर नही पहुंच पाते है प्राईवेट वाहन कर प्रसुताओं को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मैनपुर भेजा जाता है। इस उपस्वास्थ्य केन्द्र मे पदस्थ आरसीएच उषा साहू ने बताया कि बिजली सुविधा नहीं होने से केंद्र संचालन में परेशानी हो रही है प्रसव के समय टार्च की रोशनी से काम लेना पड़ता है साथ ही जंगली जीव जन्तु किड़े मकौडो का खतरा भी इस बरसात के दिनो मे बढ जाता है यहां बिजली की सुविधा प्रदान किये जाने से स्वास्थ्य कार्य मे तेजी आयेगी। उपस्वास्थ्य केन्द्र गौरगांव मे विद्युतिकरण की मांग यहां पदस्थ स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियो को समस्या से अवगत कराया है लेकिन अधिकारियो द्वारा कोई सूध नही लिया जा रहा है जिससे स्वस्थय कर्मियो को काफी समस्याओ से जूझना पड रहा है आस पास के क्षेत्र के कई रहवासी इस स्वास्थ्य केन्द्र पर निर्भर रहते है इस बारिश के समय मौसमी बिमारियो के कारण यहां के क्षेत्रवासी काफी परेशान है जिन्हे स्वास्थ्य सुविधा और स्वास्थ्य सलाह इसी उपस्वास्थ्य केन्द्र से मिल पा रहा है ऐसे में मरीजो का समय पर सही ढग से इलाज नही होने के कारण उन्हे ओड़िसा सीमावर्ती क्षेत्र मे झाड़ फूक का सहारा लेना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि केंद्र से आसपास के क्षेत्र के गावों को बिजली से जोड़ा गया है लेकिन परिसर में बिजली सुविधा नहीं होने से मरीजों की परेशानी बढ़ रही है लंबे समय से ऐसी स्थिति बनी हुई है। इस स्वास्थ्य केन्द्र मे पर्याप्त स्टाफ की कमी भी आसानी से देखा जा सकता है एक ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता के भरोसे ओड़िसा सीमावर्ती यह उपस्वास्थ्य केन्द्र बिना विद्युत सेवा व नेटवर्क समस्या के बाद भी संचालित किया जा रहा है स्टाफ की कमी के चलते मरीजों को उपयुक्त उपचार नहीं मिल पा रहा है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बिजली नहीं, प्रसव के समय होती है भारी परेशानी
