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कांग्रेस के दबाव में केंद्र सरकार को मानना पड़ा पीडीए यूनिवर्सल वैक्सीनेशन की मांग: सुनील सिंह

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  • देश की उच्चतम न्यायालय के रूप में भी केंद्र को किया मजबूर

आफताब आलम/बलरामपुर : कांग्रेस के दबाव में यूनिवर्सल वैक्सीनेशन की मांग मानने केन्द्र सरकार को मजबुर होना पड़ा। कांग्रेस प्रवक्ता सुनील सिंह ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेसजनों द्वारा चलाई गयी यूनिवर्सल वेक्सीनेशन की मांग को मिले व्यापक जनसमर्थन के आगे मोदी सरकार को घुटना टेकना पड़ा। कांग्रेस की मुहिम रंग लाई और केन्द्र सरकार को 18 से 45 वालों के वैक्सीनेशन की अपनी जिम्मेदारी निभाने निर्णय लेना पड़ा। कांग्रेस की मांग पर शुरुआत में ही केंद्र सरकार देश के शत प्रतिशत नागरिकों को मुफ्त वैक्सीन देने का निर्णय करती और वैक्सीनेशन के लिए उम्र की बाध्यता को हटा देती तो देश में इतनी जानें कोविड में नहीं जाती। महामारी से बचाव के वैक्सिन समय पर नहीं मिलने के कारण जिनकी मौत हुई है उनको बचाया जा सकता था। महामारी काल में केंद्र सरकार का रवैया देश के जनता के प्रति निराशाजनक एवं असहयोगात्मक रहा है। महामारी से पीड़ित जनता ऑक्सीजन वेंटिलेटर जीवन रक्षक दवाइयां सैनिटाइजर बेड के लिए तरस रही थी और केंद्र में बैठी सरकार मौन थी।महामारी से पीड़ित जनता के पक्ष में कांग्रेसजनों के द्वारा उठाए गए आवाज और चौतरफा दबाव के आगे केंद्र सरकार को झुकना पड़ा है।

कांग्रेस प्रवक्ता सुनील सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार में 18 से 44 साल तक के लगभग एक करोड़ 30 लाख लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगा रही थी। इसके लिए सवा करोड़ वैक्सीन डोज की आर्डर दी गई थी लेकिन वैक्सीन आपूर्ति का नियंत्रण केंद्र सरकार के पास होने के कारण वैक्सिन की आपूर्ति में हिल हवाला हो रहा था कांग्रेस के दबाव में केंद्र सरकार अब देशभर के नागरिकों को मुफ्त वैक्सीन लगाएगी।

सुनील सिंह ने कहा कि मोदी सरकार अपनी विफलताओं को अपनी असफलताओं को नाकामी को छुपाने के लिए पुववर्ती सरकार के कार्यों पर उंगली उठा रही है। महामारी काल में अगर आज देश मजबूती के साथ खड़ा है तो यह पूर्ववर्ती सरकारों के द्वारा बनाई गई संसाधनों व्यवस्थाओं के बदौलत खड़ा हुआ है बीते 7 साल में मोदी सरकार ने कोई ऐसा काम नहीं किया है जिसका लाभ देश के 1अरब 35करोड़ जनता को मिले। मोदी सरकार ने निर्माण के बजाय विक्रय में ज्यादा ध्यान दिया है।

कांग्रेस प्रवक्ता सुनील सिंह ने वेक्सीनेशन के फैसले पर भाजपा के दावों को खारिज करते हुये कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय केकड़े रुख और सवाल पूछने के पहले साफ नीयत, स्पष्ट नीति और कठिन परिश्रम कहां थे? आक्सीजन और दवाओं के लिये मरते लोग, गंगा में बहती लाशें और तट पर दफन शव साफनीयत का हिस्सा थे, स्पष्ट नीति थे या कठिन परिश्रम का नतीजा थे?

जिला कांग्रेस प्रवक्ता सुनील सिंह ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह समेत अन्य भाजपा नेता द्वारा कोई वास्तविक आंकड़े दिए बिना ही वैक्सीन की बर्बादी के आरोप लगाए जा रहे हैं। देश की जनता को गुमराह करने की यह भाजपा की सोची समझी चाल है। कोरोना महामारी से निपटने और वैक्सिनेशन के मामले में पूरी तरह विफल रही मोदी सरकार की विफलता को ढकने के लिए सुनियोजित तरीके से देश की जनता के बीच झूठे बयानों से भ्रम फैलाया जा रहा है।व्यक्ति में बर्बाद करने का आरोप लगाकर डॉ रमन सिंह ने उन सभी मेडिकल स्टाफ व कोरोना वॉरियर्स का अपमान किया है जो आम जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं। इससे पहले बाबा रामदेव भी कोरोना महामारी, ब्लैक फंगस से बचाने वाले देश भर के डॉक्टर, नर्स, वार्ड बॉय व एंबुलेंस चालक, ऑक्सीजन सप्लायर सहित मेडिकल साइंस से जुड़े लोगों का अपमान कर चुके हैं।केंद्र की भाजपा सरकार वेक्सीनेशन, बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की आय दोगुनी करने सहित जनहित के सभी मुद्दों पर फेल हो चुकी है। डॉक्टर रमन सिंह द्वारा अब वैक्सीन बर्बाद करने का बेबुनियाद आरोप लगाकर केंद्र सरकार की विफलताओं से ध्यान हटाने का प्रयास किया जा रहा है।

जिला कांग्रेस प्रवक्ता सुनील सिंह ने कहा कि डॉ रमन सिंह सहित भाजपा नेता यह आरोप लगाते रहे हैं कि विपक्षी दल वैक्सीन के संबंध में देश की जनता के बीच भ्रम फैला रहे हैं। अब भाजपा नेता कह रहे हैं कि केवल कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता को वैक्सीन लग रही है। जबकि सच्चाई यह है कि कांग्रेस का हर कार्यकर्ता प्रदेश के हर गांव, मोहल्ले में वैक्सिनेशन को लेकर जनजागरण अभियान चलाते हुए प्रदेश की जनता को जागरूक कर रहे हैं। कांग्रेस कार्यकर्ता खुद वैक्सीन लगवा रहे हैं और दूसरे को भी वैक्सीन लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कोरोना काल में जनता को सहयोग देने की बजाय घर पर बैठकर धरना देने देने वहां बयानबाजी के सिवा कुछ नहीं किया।हाल ही में प्रदेश के भाजपा नेता पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने महंगाई बढ़ने का मुद्दा उठाने वाले को खाना-पीना छोड़ देने का बेतुका और शर्मनाक बयान दिया, जो देश की जनता का अपमान है। अब तक न तो बृजमोहन पर कोई कार्रवाई हुई है, न बयान वापस लिया गया। भाजपा ने बेतुकी बयानबाजी पर माफी भी नहीं मांगी। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या बृजमोहन के बयान से भारतीय जनता पार्टी सहमत हैं? डॉ रमन सिंह व भाजपा नेताओं को अगर सचमुच प्रदेश और देश की चिंता है तो वैक्सिनेशन की कमी दूर करने, बढ़ती महंगाई पर रोक लगाने और युवाओं को रोजगार दिलाने, 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज से आम जनता को राशि दिलाने और किसानों की आय दोगुनी करने केंद्र सरकार को पत्र लिखें अपनी आदत अनुसार उलजलूल बयान देकर जनता को दिग्भ्रमित करने का प्रयास ना करें, छत्तीसगढ़ की जनता अब इन नेताओं के शातिर हरकतों को समझ गई है।

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