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दिग्विजय का रामदेव पर हमला, कहा- ढोंगी बाबा को पहचानने में हुई बहुत देर, गिनाए 150-150 करोड़ रुपये वाले ‘अहसान’

भोपाल/नई दिल्‍ली : मध्‍य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के राज्‍य सभा सांसद दिग्विजय सिंह (Congress MP Digvijay Singh) ने योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) पर हमला किया है. कांग्रेस नेता ने रामदेव का कांग्रेस राज में पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों के विरोध में प्रदर्शन करते एक वीडियो शेयर करे हुए लिखा, ‘ढोंगी रामदेव को पहचानने में लोगों को बहुत देर लगी. यह शुरू से ही भाजपा का एजेंट बना हुआ था.

यही नहीं, इसके साथ दिग्विजय सिंह ने रामदेव को कांग्रेस की सरकार में मिले लाभ को लेकर भी ताना कसा है. उन्‍होंने लिखा, यह भी जानना आवश्यक है कि जिस कांग्रेस को यह (बाबा रामदेव) कोस रहा है, उसी ने इसे दो फूड पार्क के लिए 150-150 करोड़ रुपये का अनुदान दिया था. एक हरिद्वार में और एक रांची में. उत्तराखंड में जमीन भी कांग्रेस सीएम नारायण दत्त तिवारी ने ही दी थी. जिस दिन बीजेपी, मोदी और शाह गए, यह फिर पल्टी मारेगा.’

बता दें कि कांग्रेस की सरकार में बाबा रामदेव ने पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर कई राज्‍यों में प्रदर्शन किया था, लेकिन वह इस समय चुप्‍पी साधे हुए हैं. इसी बीच एक ट्विटर यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए पूछा, ‘ 5 नवंबर 2011 की तारीख थी,पेट्रोल का दाम 68 रुपये. तब रामदेव जालंधर में साइकिल पर विरोध का अनुलोम-विलोम कर रहे थे, आज 100 पार है तो सन्नाटे की सांस खींचें हुए हैं. ऐसी भी क्या मजबूरी है ?’ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इसी वीडियो को रिट्वीट किया है.

एलोपैथी बनाम आयुर्वेद विवाद फंसे रामदेव
इन दिनों रामदेव बाबा अपने विवादित बयानें के चलते सुर्खियों में हैं. एलोपैथी और आयुर्वेद को लेकर बाबा रामदेव के दिए बयानों की चौतरफा चर्चा हो रही है. हालांकि उन्‍होंने इस मामले पर अपनी तरफ से सफाई भी दे दी है. बावजूद विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. हाल में योग गुरु बाबा रामदेव ने एलोपैथी के खिलाफ एक वीडियो में खुलकर बयानबाजी की थी. एलोपैथी को जानलेवा, आधी अधूरी चिकित्सा पद्धति बताते हुए यहां तक कहा कि एलोपैथी के पास तो एसिडिटी तक का स्थायी इलाज नहीं है. इसके बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बाबा रामदेव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रामदेव को एक पत्र लिखा जिसके बाद योग गुरु ने अपना बयान वापस लिया. हर्षवर्धन ने इसे रामदेव की परिपक्वता और बड़प्पन बताया था.

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