प्रांतीय वॉच

बस ऑपरेटरों की मर्जी से बढ़ता रहता है बस का किराया, जनता होती है परेशान

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  • बस यात्रियों को कंडक्टर कहीं भी उतारने की देते हैं धमकियां
अक्कू रिजवी/कांकेर : प्रदेश में चल रही निजी बसों के कंडक्टरों की तानाशाही पुनः एक बार टॉप पर है। इन लोगों के द्वारा जब चाहे तब, जितना चाहे उतना, किराया यात्री से मांगा जाता है और नहीं देने पर जंगल में बस को रोककर यात्री को बेइज्जत करते हुए उतार दिया जाता है । पहले ऐसी घटनाएं बहुत कम हुआ करती थीं लेकिन आजकल यात्रियों के साथ न केवल रकम अधिक वसूली जाती है बल्कि दुर्व्यवहार भी किया जाता है। यदि कोई यात्री पुलिस में शिकायत भी करता है तो आश्चर्यजनक ढंग से देखा जाता है कि पुलिस आश्वासन देने के बावजूद न रिपोर्ट लिखती है ना कोई कार्यवाही करती है। ऐसा लगता है मानो प्रदेश में बस ट्रांसपोर्ट वालों का ही राज पाट हो। कंडक्टर सब अपनी गली के शेर हो गए हैं। उनसे उलझना यानी बीच जंगल में उतर कर जंगली जानवरों की प्रतीक्षा करना हो जाता है। यात्रियों के साथ इतनी अंधेर गर्दी और बेरहमी भारत में शायद ही कहीं होती होगी। उल्लेखनीय है कि यात्री बस का किराया बढ़ाने का ना कोई प्रस्ताव है ना कोई नोटिफिकेशन निकला है ना सरकार की ओर से कोई स्वीकृति है। फिर भी कंडक्टरों का कहना है कि किराया बढ़ गया है और  देना ही पड़ेगा। नहीं दोगे तो जंगल में उतार दूंगा। जो चाहे करते रहना। मुख्यमंत्री महोदय से आशा की जाती है कि जिस तरह उन्होंने अविभाजित मध्यप्रदेश में परिवहन मंत्री रहते हुए निजी बस वालों को सुधारा था वैसा ही सुधार कार्य वे छत्तीसगढ़ में भी कर दिखाएंगे।

इनका कहना है

परिवहन अधिकारी ऋषभ नायडू को इसकी शिकायत की गई तो उन्होंने कहां जल्द से जल्द जांच करवा कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी जल्दी ही जांच करवा कर जो भी ऐसी हरकत कर रहा है उन बसों के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी..!!!
ऋषभ नायडू        
परिवहन अधिकारी 
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