प्रांतीय वॉच

नवीन राशन कार्ड साल भर में नहीं दिन रात भूखे गुजारने को मजबूर 

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टीकम निषाद / देवभोग : इन दिनों गांव गांव के कई ग्रामीणों को कोरेना के साथ-साथ अधिकारियों के उदासीनता का भी दोहरा मार झेलना पड़ रहा है। ऐसे लॉकडाउन पर भी भूपेश सरकार की 1 रुपए चावल आम गरीब मजदूरों को नसीब नहीं हो पा रहा है।  और मजबूरी वस परिवार को दुकान से महंगे दाम पर चावल खरीद कर गुजर-बसर करना पड़ रहा है। ऐसा ही हाल केकरा जोर  के 22 परिवार का हाल है ।जहां पिछले वर्ष से नवीन राशन कार्ड की मांग करते आ रहे हैं। मगर अफसोस की बात है अब तक इन हितग्राहियों को राशन कार्ड नहीं मिल पाया है ।जबकि पिछले 1 साल से कलेक्टर खाद्य अधिकारी जनपद सीईओ के दफ्तर पर कई बार चक्कर काट चुके हैं। जानकारी अनुसार सुशीला पति गणेश जमाम पति बनसाय रामवती भरत उपाशी पद्मन देयमती चैतू राम रसूला मनो सहित 22 परिवार  निजी कार्य से बाहर होने और जानकारी के अभाव में निर्धारित समय पर राशन कार्ड बनाने से वंचित रह गए ।जिसके बाद से कागजी प्रक्रिया पूर्ण कर लगातार पात्र हितग्राही अधिकारियों के आगे पीछे घूम रहे हैं। कई बार हितग्राही चंदा से वाहन किराया कर गरियाबंद जिला अधिकारियों को अवगत भी करा चुके हैं ।मगर आज तक राशन कार्ड हाथ नहीं लग पाया है। जूजेस्टी पिता सदाराम ने कहा कि परिवार में 6 सदस्य है। और तीन टाइम खाना के लिए 65 से 70 किलो चावल हर माह खपत होती है। और यह चावल राशन दुकान से नहीं बल्कि निजी व्यापारी के पास 18 से 20 रूपए में खरीद कर परिवार का भरण पोषण किया जा रहा है । मतलब एक माह में 1170 रुपए  से अधिक का चावल लिया जाता है ।इसी तरह यशवंत नायक का कहना है कि पुराने कार्यकाल में राशन कार्ड बनाया रहा। लेकिन नवीनीकरण पर काट दिया गया। जबकि पूरी पात्रता है। और इसे लेकर जिला कार्यालय तीन बार जाने के साथ पिछले माह जनपद सीईओ को भी अवगत कराया रहा। लेकिन बड़ी विडंबना है ऐसे लॉकडाउन की स्थिति पर भी नवीन राशन कार्ड दिलाने में अधिकारी गंभीर दिखाई नहीं पड़ रहे हैं। बल्कि लॉकडाउन का हवाला देकर अधिकारी अपना अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। इसके अलावा देवभोग ब्लॉक के डूमरबाहाल निवासी जुगल किशोर पांडे भी अपनी  पत्नी और दो छोटे-छोटे मासूम बच्चों को लेकर पिछले डेढ़ साल से नवीन राशन कार्ड के लिए दर-दर भटक रहा है। और आमदनी इतनी नहीं कि दुकान से चावल खरीद कर परिवार का भरण पोषण किया जाए। अक्सर स्थिति तो भूखे रात गुजारने की भी बन जाती है। यही कारण है की  अधिकारियों के समक्ष  बारो बार गुहार लगाया गया ।लेकिन आज तक आश्वासन के अलावा कुछ हासिल नहीं हो पाया।
नरसिंह ध्रुव सीईओ : हमने राशन कार्ड संबंधित कागजी प्रक्रिया पूरा करके जिला कार्यालय भेज दिया है l
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