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रायपुर कलेक्टर ने सभी श्मशान को किया अधिग्रहित, दुर्ग में शवदाह के लिए नई जगह की तलाश, सरकार ने कहा- प्रदूषण बढ़ेगा, कंडों से करें अंतिम संस्कार

रायपुर : पिछले 24 घंटों में मौत के मामले में छत्तीसगढ़ देश में दूसरे नंबर पर है। यहां 132 लोगों की मौत हुई है। पहले नंबर पर 258 मौतों के आंकड़ों के साथ महाराष्ट्र है। चूंकि सबसे ज्यादा मौतें रायपुर और दुर्ग में हो रही हैं, लिहाजा यहां शवों को जलाने को लेकर प्रशासन कई तरह के इंतजाम कर रहा है। रायपुर के कलेक्टर डॉक्टर एस भारतीदासन ने रायपुर और बीरगांव निगम के तहत आने वाले तकरीबन 50 श्मशान अधिग्रहित किए हैं। ऐसा इसलिए करना पड़ा क्याेंकि कुछ जगहों से कोविड संक्रमित मृतकों के अंतिम संस्कार न करने देने की शिकायतें आ रही थीं। अब श्मशान कलेक्टर के अधीन हैं। अब तक 5 हजार से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना से छत्तीसगढ़ में हो चुकी है।

अभनपुर में दाह संस्कार के लिए 7 जगहें तय
कलेक्टर भारतीदासन ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक मीटिंग ली। मीटिंग में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो जाने पर दाह संस्कार के लिए 8-10 गांवों के बीच श्मशान भूमि को चिन्हित करें। इन जगहों पर केवल कोरोना से मृत शरीर का ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। संक्रमित के शव को श्मशान भूमि तक लाने के दौरान पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ यहां तक लाने का इंतजाम भी अफसर करेंगे। अभनपुर तहसील, गोबरा नवापारा सिवनी, उगेतरा, भाटापारा बेलर, तेंदुआ, गातापार, भरेंगा नाहना चंडी श्मशान घाट को कोविड मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए अधिकृत किया गया है।

दुर्ग में भी नई जगहों की तलाश में अफसर
जिले में कोरोना से मरने वाले लोगों का 4 मुक्तिधामों में दाह संस्कार किया जा रहा है जिसमें भिलाई का रामनगर, रिसाली मुक्तिधाम, शिवनाथ मुक्तिधाम और भिलाई-3 है। बताया जा रहा है कि दुर्ग के मुक्तिधामों में जगह की कमी के कारण प्रशासन अब 2 अन्य जगहों को देख रह रहा है। दो दिन पहले रिसाली इलाके में ट्रक में भरकर लाशें जलाने के लिए लाई गई थी जिसका एक वीडियो वायरल हुआ था।

विद्युत शवदाह गृह बनाने के निर्देश
11 अप्रैल को नगरीय प्रशासन विभाग ने जानकारी जारी की। इसमें कहा गया कि कोरोना से हो रही अधिक मौतों और मुक्तिधाम में शव जलाने में हो रही कठिनाइयों से निपटने के लिए विद्युत शवदाह गृह स्थापित करने की कार्यवाही की जा रही है। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉक्टर शिवकुमार डहरिया ने मुक्तिधामों में शव जलाने में लम्बा इंतजार और लोगों को आ रही कठिनाइयों को गंभीरता से लिया है। उन्होंने रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा, भिलाई और रिसाली नगर निगम में विद्युत शवदाह गृह स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। रिसाली और दुर्ग के लिए 47 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। विभाग ने आयुक्तों को जल्द से जल्द शवदाह गृह बनाने को कहा है।

मंत्री जी को पेड़ों की बलि की चिंता
नगरीय प्रशासन विभाग की तरफ से दाह संस्कार में गौ काष्ठ (गाय के गोबर से बनी लकड़ी नुमा स्टिक) का उपयोग करने का आदेश दिया गया है। विभाग का दावा है कि मंत्री शिव डहरिया की दूरगामी सोच की वजह से पेड़ों की बलि रुक रही है। मंत्री डहरिया ने सभी नगरीय निकायों के तहत आने वाले मुक्तिधाम स्थल पर गोठानों में बने गौ काष्ठ का उपयोग लकड़ी की जगह पर करने को कहा है। प्रदेश में 166 नगरीय निकाय क्षेत्रों में 322 गोठान हैं। 115 जगहों पर मशीनों से गौ काष्ठ बनाने का काम हो रहा है। विभाग की तरफ से ये भी कहा गया है कि एक दाह संस्कार में 500 किलो तक लकड़ी की जलाई जाती है। गोबर से बनी लकड़ी के इस्तेमाल से पेड़ सुरक्षित रहेंगे।

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