टीकम निषाद /देवभोग : एक ओर राज्य एवं केंद्र सरकार करोडो रुपए खर्च कर जल संरक्षण के लिए लाखों कुआं स्वीकृत कर रही है। तो दूसरी ओर अधिकारियों के नाक नीचे सरकारी कुआं पर अतिक्रमण किया जा रहा है। कुछ कुआं तो सिर्फ सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज है। लेकिन वह कुआं जमीनी स्तर से वर्षों पहले गायब हो चुके हैं। और वर्तमान में भी कुछ जगह पर अतिक्रमण करने की तैयारी में दिखाई पड़ रही हैं। यहां बताना लाजमी होगा कि करीब 50 साल पहले माझी पारा मार्ग से लगे नरहरी देशमुख घर के आगे विशाल सरकारी कुंआ रहा। इसके साथ मुख्यालय के राजापारा पर भी वर्षों पहले कुंआ स्थापित था। जहां का पानी देवभोग सहित आजू बाजू गांव के लोग भी पीते रहे। लेकिन अब वह कुआं को पाटकर अतिक्रमण कर लिया गया है ।जबकि चंद माह पहले हाई स्कूल की शासकीय कुआं को पाटकर उसके आगे भवन निर्माण कराया जा रहा है। इसके अलावा राजापारा प्राथमिक कृषि संस्था के बाजू में रहे कुआं पर वेस्ट दवाई इंजेक्शन डालकर पाटने की तैयारी किया जा रहा है ।कुछ स्तर तक पाट भी दिया है। मतलब सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज कुआं अतिक्रमण की भेंट चढ रहा है। और बचे कुआं को कुछ लोग पाटने में कामयाब भी हो रहे हैं। बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण को रोकने की पहल नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते वाटर लेवल भी तेजी से गिरने की संभावना बनती है। क्योंकि कुआं का पानी ही वाटर लेवल को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। बावजूद इसके धड़ाधड़ कुआं पर अतिक्रमण का सिलसिला चल रहा है ।ऐसे में सरकार की जल संग्रहण की मंशा पूरा होना नामुमकिन है ।सबसे खास बात तो यह है कि कुआं पर अतिक्रमण के रोकथाम के लिए ना राजस्व विभाग रुचि दिखा रहा है। और ना जिम्मेदार अधिकारी गंभीर है। शायद यही वजह है कि लोग सरकारी कुआं को पाटने में काफी हद तक सफल हो रहे हैं। और जिस गति से कुआं पर अतिक्रमण किया जा रहा है। उससे आने वाले दिनों में ब्लॉक में शासकीय कुआं जमीनी स्तर पर मिलना मुश्किल होगा। क्योंकि मुख्यालय ।पर प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में शासकीय कुआं का अस्तित्व खत्म हो रहा है तो गांव गांव की कुआं को बचाने की कल्पना कैसे किया जा सकता है। जबकि प्रशासनिक तौर पर कई चेहरे बदले गए लेकिन कुआं पर अतिक्रमण कर रहे लोगों के विरुद्ध कार्यवाही तो दूर समीक्षा तक नहीं हो पाई ।ऐसे में जल बचाओ योजना कहां तक कारगर साबित होगा ।
अनुपम आशीष टोप्पो एसडीएम देवभोग : मामले को संज्ञान में लेकर जांच करवाया जाएगा और अगर कुआं को पाटा जा रहा है तो उसके विरुद्ध कार्यवाही भी किया जाएगा l