प्रांतीय वॉच

सात दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण में मितानिनों को नही मिल रहा मेनू के अनुसार भोजन

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  • मितानिन आवासीय प्रशिक्षण में राशि का बंदर बांट
  • चहेते ब्लाॅक समन्वयक महिपाल सिंह बना प्रशिक्षण का ठेकेदार
  • बीएमओ डाॅ. राय व मितानिन जिला समन्वयक नियमों का धज्जीयां उड़ा रहें है
  • टेण्डर के बिना नियमों को ताक पर रख कर लाभ का बना लिए जरिया
  • 15 वर्षो से नही किया टेण्डर प्रक्रिया का पालन

सुनील नार्गव/ मुंगेली : गांव गांव में दिन रात ग्रामीणों की सेवा करने वाली मितानिनों को आवासीय प्रशिक्षण के दौरान कई प्रकार के समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। मितानिनों को मेनू के अनुसार नास्ता एवं भोजन नही मिल पा रहा है। साथ ही कोरोना काल के दौरान सेनेटाइजर व मास्क भी उपलब्ध नही हो पा रहा है। मितानिन जान में जोखिम डालकर क्षतिग्रस्त भवन में गुणवत्ताविहिन भोजन कर रहें है। तथा कोविड-19 का पालन भी नही कराया जा रहा है। एक ही कमरे में सभी प्रशिक्षणार्थियों को ठूंस ठूंस कर भर दिया गया है। प्रशिक्षण स्थल पर न शौचालय है और ना ही स्नानागार की व्यवस्था है, खुले में शौंच जाने व तालाब में नहाने मितानिन मजबूर हंै। जबकि प्रशिक्षण के लिए राज्य नोडल अधिकारी मितानिन कार्यक्रम संचालनालय इंद्रावती भवन नया रायपुर अटल नगर द्वारा सात दिवसीय मितानिन प्रशिक्षण के दौरान कोविड-19 व भोजन करने की व्यवस्था के लिए टेण्डर प्रक्रिया के माध्यम से कराने का स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किया है। जिसे खण्ड चिकित्साधिकारी एवं जिला समन्वयक मितानिन द्वारा अव्हेलना करते हुए अपने चहेतो को बिना टेण्डर के काम करा कर राशि का बंदर बांट करने में जूटे हुए है। जिसकी जानकारी सीएचएमओ एवं जिला कलेक्टर को भी नही है। कलेक्टर ने जांच कराकर कार्यवाही करने कहा गया है।
जिला मुख्यालय मेंसात दिवसीय मितानिन प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्राम चातरखार एवं टेमरी में आयोजित किया गया है। जिसमें मितानिनों को मेनू के अनुसार भोजन नही दिया जा रहा है। और नही ही आवासीय प्रशिक्षण में रात्रिविश्राम के लिए कोई व्यवस्था किया गया है। जिससे मितानिन अपने – अपने घर चले जाते है। भोजन एवं रात्रि ठहरने के लिए टेण्डर न बुलाकर अपने चहेते को जिम्मेदारी दे कर राशि की बंदर बांट किया जा रहा है। सात दिवसीय मितानिन आवासीय प्रशिक्षणमेनू का पालन नही किया जा रहा है। चूल्हे से भोजन पकाया जाता है। बदहाल कमरा जो बुरी तरह से जर्जर हो चुकी है, कभी भी कमरे कि छत भरभरा कर गिर सकता है। मितानिन अपने जान जोखिम में डालकर प्रशिक्षण ले रहें है। प्रशिक्षणार्थियों के लिए शौंचालय गंगदी व बदबू होने के कारण खुले में शौंच के लिए विवश है। स्नानागार की व्यवस्था नही होने पर महिलाएं तालाब में मजबूरीवश स्नान कर रहें है। ग्राम टेमरी व चातरखार में दो स्थानों पर मितानिन प्रशिक्षण ले रहें है। प्रशिक्षण स्थल पर कुछ मितानिन को रूकना पड़ रहा है। जबकि गांव के स्कूल मैदान में ही आवासीय प्रशिक्षण दिया जाता है। जिसमें गांव के असमाजिक तत्व दिन और रात में उसी मौदान में शराब या गांजा सेवन करते है। इसके लिए चैंकीदार भी नही रखा गया है। जिससे कभी भी महिलाओं के साथ अनहोनी हो सकती है, इसका ध्यान नही रखा गया है।


जानकारी के अनुसार विकासखण्ड मुंगेली के ग्रामीण मितानिन 536 कार्यरत है जिसमेे सभी मितानिनों को अलग अलग बंेच में सात दिवसीय आवासीय मितानिन प्रशिक्षण के लिए खण्ड चिकित्सा अधिकारियों द्वारा टेण्डर प्रक्रिया के तहत मेनू के अनुसार भोजन एवं रात्रि विश्राम के लिए गद्दा तकिया, चादर,कम्बल,टायलेट बाथरूम आदिसुविधाएं उपलब्ध कराना था परन्तु खण्ड चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एम के राय ने सभी नियमों की अनदेखी कर अपने चहेते से कार्य करा कर अतिरिक्त लाभ पहुंचाया जा रहा है। आवासीय प्रशिक्षणमें कुछ महिलाए जो दूर होने से अपने घर नही जाने के कारण प्रशिक्षण स्थल में रूके हुए थे। उन्हे सुबह स्नान करने के लिए तालाब में जाना पड़ रहा है। साथ ही प्रतिदिन सुबह नाश्ता में पोहा और खाना में दाल चावल सब्जी दिया जाता है। आवासीय प्रशिक्षण में मेनू के अनुसार नास्ता व भोजन नही दिया जाता।

उल्लेखनीय है कि आवासीय मितानिन प्रशिक्षण में विकासखण्ड में 536 मितानिन कार्यरत है। जिसमें आवासीय प्रशिक्षण के लिए 7 दिवसीय में प्रति मितानिन पर 1400 सौ रूपये भोजन एवं ठहरने की व्यवस्था पर खर्च करना पड़ता है। परंतु अधिकारी से मिली भगत कर राशि का बंदर बांट जोर शोर से फल फूल रहा है। विकासखण्ड में सात दिवसीय मितानिन आवासीय प्रशिक्षण के लिए 7 लाख 50 हजार 4 सौ रूपये का आबंटन आया हुआ है। प्रशिक्षण के लिए नियमानुसार टेण्डर आमंत्रित करना होता है। परंतु अधिकारी द्वारा नियमों को ताक में रख कर अधिनस्ट कर्मचारी को मौखीक रूप से व्यवस्था कराया जा रहा है। और मोटी रकम अंदर होते आ रहा है। प्रशिक्षण के नाम पर खाना पूर्ति कर अवैध कमाई का जरिया बन गया है। प्रति वर्ष इस प्रशिक्षण के लिए आबंटित् राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है।
सात दिवसीय मितानिन आवासीय प्रशिक्षण बिना टेण्डर प्रक्रिया के विगत 15 वर्षो से संचालित किया जा रहा है। अधिकारी व चहेते कर्मचारी की मिलीभगत से मोटी रकम की बंदर बांट होने की संभावना देखी जा रही हैै। अधिकारियों के चहेते कर्मचारी विकासखण्ड के मितानिन ब्लाॅक समन्वयक महिपाल सिंह अपने फिल्ड को छोड़कर केवल आवासीय प्रशिक्षण में अधिकारियों के लिए इस तरह के अवैध कार्य को संचालित कर रहा है। साथ ही मोटी रकम के हिंस्सेदार बना हुआ है।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी महादेव तेंदवे ने बताया कि सात दिवसीय मितानिन आवासीय प्रशिक्षण के लिए जिला समन्वयक एवं खण्ड चिकित्साधिकारी के मार्गदर्शन में कराया जाता है। इसी तरह कि गड़बड़ी होती है तो जांच करा कर कार्यवाही किया जाएगा।
इस संबंध में कलेक्टर पीएस एल्मा ने बताया कि मितानिन आवासीय प्रशिक्षण की जानकारी मुझे नही है। जिस तरह की खामियाॅं बताई जा रही है, इसे तत्काल संज्ञान में लेकर जांच कराकर कठोर कार्यवाही किया जाएगा।

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