रायपुर वॉच

छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र: शराब बिक्री के 5.25 करोड़ रुपए जमा नहीं होने पर विपक्ष का हंगामा, प्रश्नकाल के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित

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रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल में शराब बिक्री के पैसे सरकारी खाते में जमा नहीं होने का मुद्दा गूंजा. विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा. आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने यश बैंक प्रबंधन पर गड़बड़ी का आरोप लगाया. मंत्री के जवाब के बाद विपक्ष ने कई सवाल किए. प्रश्नकाल के दौरान काफी देर तक हंगामा होता रहा.

भाजपा विधायक नारायण चंदेल ने आबकारी मंत्री से पूछा कि जनवरी 2019 से जनवरी 2021 तक शराब बिक्री से कितने पैसे मिले. इस पैसे से कितनी राशि सरकारी एकाउंट में जमा नहीं हो पाई है.

आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने 2 साल के आंकड़े गिनाए.

पिछले 2 सालों में देसी शराब की बिक्री से 6279 करोड़ 60 लाख 55 हजार रुपए की आय हुई.5870 करोड़ 51 लाख 28 हजार 930 रुपए की विदेशी शराब बेची गई. महासमुंद जिले से आए पांच करोड़ * 25 लाख 98 हजार 650 रुपए की राशि सरकार के एकाउंट में जमा नहीं हो पाई है.
आबकारी मंत्री ने बैंक प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया

आबकारी मंत्री ने यश बैंक प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि ऑडिट में गड़बड़ी पकड़ी गई थी. इसके बाद यश बैंक को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है. बैंक, कोर्ट से स्थगन आदेश लाया है. इसके तहत बैंक से 10.33 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी जमा कराई गई है.

भाजपा ने उठाए सवाल

भाजपा विधायक नारायण चंदेल ने कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंकों और सहकारी ग्रामीण बैंकों के रहते हुए सरकार ने यश बैंक में पैसा क्यों जमा किया? आबकारी मंत्री ने जवाब दिया कि यश बैंक पहले से ही सरकार की सूची में शामिल था. उसमें खाता पिछली सरकार ने खुलवाया था.

विपक्ष ने की कार्रवाई की मांग

भाजपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के विधायकों ने यश बैंक पर कार्रवाई की मांग भी की. भाजपा विधायकों ने महासमुंद जिले की संबंधित प्लेसमेंट एजेंसी पर भी कार्रवाई की मांग की है. यह एजेंसी सरकारी शराब दुकानों के संचालन के लिए मानव संसाधन उपलब्ध कराती है. मंत्री लखमा ने भरोसा दिया कि वह पैसा जमा नहीं होगा तो प्लेसमेंट एजेंसी और संबंधित बैंक दोनों पर कार्रवाई होगी.

पोस्टमार्टम में देरी पर सवाल उठे

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि सामान्य तौर पर 7 दिनों के अंदर पोस्टमार्टम रिपोर्ट विवेचना अधिकारी को दिए जाने का प्रावधान है. लेकिन सवाल आने तक 317 पोस्टमार्टम रिपोर्ट लंबित थी. इस सवाल के बाद समीक्षा कर तेजी लाई गई है. अब केवल 18 मामले लंबित हैं. जिनमें से 10 रायपुर जिले के हैं और 8 बिलासपुर जिले के हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि अब हर महीने पोस्टमार्टम कार्यों की भी समीक्षा होगी. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने में देरी न हो.

धान खरीदी के मुद्दे पर विपक्ष आक्रामक

शून्यकाल में भाजपा ने धान खरीदी में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया. विपक्ष का आरोप है कि खरीफ 2020-21 की खरीदी में सरकार की नीतियों से किसान परेशान हुए. किसानों की पूरी फसल भी नहीं बिक पाई. सरकार का दावा है कि उसने रिकॉर्ड मात्रा में धान की खरीदी की है.

जमीन आवंटन में गड़बड़ी

औद्योगिक क्षेत्र में जमीन आवंटन में गड़बड़ी का मुद्दा भी सदन में गूंजा. विधायक डॉ. विनय जायसवाल ने उद्योगों के जमीन आबंटन में गड़बड़ी का मामला उठाया. उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने भी इसे गंभीरता से लिया. उन्होंने सदन में ही इसकी जांच और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की घोषणा भी की.

505 करोड़ के अनुपूरक बजट पर होगी चर्चा

आज अनुपूरक बजट के प्रावधानों पर चर्चा की जाएगी. मंगलवार को सदन में 505 करोड़ 707 रुपए का अनुपूरक बजट पटल पर रखा गया है.

26 मार्च तक सत्र, 1 मार्च को आएगा वार्षिक बजट

22 फरवरी को सत्र के पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण हुआ. छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र 26 मार्च तक चलेगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 1 मार्च को नया वार्षिक बजट पेश करेंगे.

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