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कलेक्टर ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल का किया निरीक्षण

  • गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने बेहतर कार्य करें शिक्षक: कलेक्टर

आफताब आलम/ बलरामपुर : कलेक्टर श्याम धावड़े ने विकासखण्ड वाड्रफनगर स्थित स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट इंग्लिश मीडियम स्कूल का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने स्कूल परिसर का भ्रमण कर वस्तुस्थिति का जायजा लिया तथा लंबित निर्माण कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षकों को इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलने के उद्देश्य से अवगत कराते हुए कहा कि जिन लक्ष्यों के साथ इनका निर्माण किया गया है, बेहतर क्रियान्वयन कर उसे पूर्ण किया जाए। साथ ही उन्होंने शौचालय तथा अन्य मूलभूत जरूरतों से जुड़े संरचनाओं के निर्माण के लिए चिन्हित स्थल का भी अवलोकन किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री श्याम धावड़ ने भौतिकी, रसायन तथा कम्प्यूटर के लैब रूम का अवलोकन किया तथा लाइब्रेरी के कार्य को शीघ्र पूर्ण करने को कहा। उन्होंने कहा कि शासन के मंशानुरूप इंग्लिश मीडियम स्कूल में कमजोर वर्ग के बच्चों को अच्छी शिक्षा का लाभ मिल रहा है। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय, शासकीय स्कूलों को निजी स्कूलों के समकक्ष खड़ा कर रहा है ताकि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब और मध्यमवर्गीय बच्चे उन सुविधाओं से वंचित न हों, जो उनके भविष्य निर्माण के लिए जरूरी हैं। साथ ही उन्होंने कक्षाओं का अवलोकन कर निर्देशानुसार समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री विशाल महाराणा, प्राचार्य श्री आर.के. सिंह सहित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

पुनर्विचार शिविर में वनाधिकार के 7061 प्रकरणों की सुनवाई पूर्ण
जिला स्तरीय वनाधिकार समिति के निर्देशन में वनाधिकार पत्रों के निरस्त प्रकरणों का पुनर्विचार कर सुनवाई हेतु समस्त विकासखण्डों में शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिले में कुल 53769 निरस्त प्रकरणों की सुनवाई के क्रम में विकासखण्ड वाड्रफनगर के 7061 प्रकरणों पर पुनर्विचार किया गया। शिविर में ग्रामवार 22 काउंटर बनाया गया, जिससे व्यवस्थित रूप से सुनवाई कार्य सम्पन्न हुआ। कलेक्टर श्री श्याम धावड़े तथा पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू ने शिविर में सम्मिलित होकर काउंटरों का निरीक्षण किया तथा आवेदकों से बात की एवं अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। शिविर में वनाधिकार के नए आवेदन भी लिए गए जिसमें लगभग 500 लोगांे ने आवेदन किया। कलेक्टर श्री श्याम धावड़े ने शिविर में आमजनों को संबोधित करते हुए वन अधिकार अधिनियम के नियमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वन अधिकार अधिनियम 2006 जनजातीय समुदाय तथा अन्य परंपरागत वनवासियों को आजीविका की निर्भरता देखते हुए वन अधिकार पट्टा प्रदान करता है। अधिनियम के प्रावधान बिल्कुल स्पष्ट हैं जिसके अंतर्गत पात्रता रखने वाले आवेदकों को पट्टा प्रदान किया जाएगा। उन्होंने आवेदक के पास दस्तावेज न होने की स्थिति में किन प्रक्रियाओं का पालन किया जाना है, उसकी जानकारी दी। अधिनियम के प्रावधानों से जुड़े आवेदकों की शंकाओं को भी उन्होंने दूर किया तथा शिविर में उपस्थित रहकर लोगों को मार्गदर्शन देते हुए उनकी समस्याएं सुनी। शिविर में पहुंचे विकासखण्ड वाड्रफनगर के ग्राम स्याही निवासी दीनानाथ ने बताया कि उन्होंने एक एकड़ भूमि के लिए आवेदन किया था, जिसे निरस्त करने के उपरांत पुनर्विचार का अवसर प्रदान किया गया है। इसी प्रकार ग्राम विरेन्द्रनगर निवासी नन्दकेश्वर ने बताया कि मेरे जैसे क्षेत्र के हजारों ग्रामीणों को सुनवाई का अवसर प्रदान किया गया तथा नए आवेदन भी स्वीकृत किए गए जो सराहनीय पहल है। वनाधिकार के निरस्त प्रकरणों के पुनर्विचार ने जहां एक ओर नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत को स्थापित किया है वहीं दूसरी ओर शासन के मंशा को भी साकार कर रहा है। इस शिविर में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व वाड्रफनगर श्री विशाल महाराणा, राजपुर श्री आर.एस. लाल, रामानुजगंज श्री अभिषेक गुप्ता, डिप्टी कलेक्टर श्री बालेश्वर राम, श्री प्रवेश पैंकरा, सहायक आयुक्त आदिवासी श्री आर.के. शर्मा, तहसीलदार वाड्रफनगर सुरेन्द्र पैकरा, जनपद सी.ई.ओ श्री वेद प्रकाश पाण्डेय सहित विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी-कर्मचारी व स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

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