(किरंदुल ब्यूरो ) रामू राव | सफलता की कहानी : कुछ करने का जुनून और हौसला बुलंद हो तो नामुमकिन को मुमकिन किया जा सकता है | ऐसे ही छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के बचेली मुंद्रा कैंप में एक दिव्यांग युवक है जिन्होंने ने दिव्यांग होने के बाद भी अपना आजीविका चला रहा है | और अपने मेहनत व लगन से लोगों के लिए मिसाल बन गया है आपको बता जिस युवक की हम बात कर रहे उस युवक नाम लेबु है जो 2008 में हुए एक्सीडेंट में अपना ।एक पैर खो बैठा | उन्होंने आप बीती बताया कि उसका एक पैर कैसे कट गया | युवक ने अपना दुख बाटते हुए बताया कि किसी कार्य से वह एक दिन जगदलपुर जा रहा था कि अचानक ट्रेन से नीचे गिर गया और इस दुर्घटना में | वह अपना एक पैर गंवा बैठा | जिसके कारण वह विषम परिस्थितियों में उसको आजीविका चलाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था लेकिन लेभू ने हिम्मत नहीं हारी और राजा ऑटो मोबाइल में मोटरसाइकिल रिपेयरिंग का कार्य करने लगा ।वह धीरे -धीरे अपने जीवन को एक नई दिशा की ओर लेकर निकल पड़ा और पिछले 6 वर्षों से वह उसी मोटर सायकिल रिपेयरिंग शॉप में कार्यरत है और वह आज 12000 रूपये प्रतिमाह कमा रहा है | राजा ऑटो केयर के संचालक ने बताया कि लेभू अपना एक पैर खो देने के बाद भी वह आजीविका चला रहा है | हालांकि कुछ समय ऐसा भी आ जाता है जहां पर वह कार्य को करने में सफल नही होता है तो हम सभी उसकी सहायता कर देते है और उसे वैसा कार्य नही दिया जाता है जिसे वह कर ही ना पाये | हालांकि वह मोटरसाइकिल के सारे काम बखूबी जानता हैं और अपने कार्य को अंजाम देता हैं इनके घर में उसकी मां है और दोनों घर इसी कार्य से आजीविका चल रहा है ।लेभू उस दुर्घटना के बाद भी रुका नही और आज अपना और अपने मां का सहारा है |
दिव्यांग होने के बाद भी अपना आजीविका चला रहा है – लेंबू
