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गरियाबन्द जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क में सरपट दौड़ रही है भारी वाहनों से सड़क का हाल बेहाल

  • 12 टन के सड़क पर वाहन 20 से 25 टन माल भर कर उड़ा रहे है नियमो की धज्जियां आखिर इस बदहाल होती सड़को के लिए जिम्मेदार कौन
यामिनी चंद्राकर/ छूरा : भारत सरकार ने 25 दिसंबर 2000 को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का प्रमुख उद्देश्‍य ग्रामीण इलाकों में 500 या इससे अधिक आबादी वाले पहाड़ी क्षेत्रों में 250 लोगों की आबादी वाले गांव को सड़क-संपर्क से वंचित गांवों को बारहमासी सड़कों से जोड़ना है। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के वक्त से ही इसका नाम प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना रखा गया है। सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना का प्रधानमंत्री सड़क योजना के जिम्मेदार  अधिकारियों के उदानसिलता के चलते गरियाबन्द जिले में बने सड़क की स्थिति काफी दयनीय होती जा रही है करोड़ों की लागत से बनी सड़कों के समय से पहले खराब होने का एक कारण ओवरलोडिंग है। ओवरलोडिंग ट्रकों ने सड़कों की हालत खराब कर दी है, परंतु करोड़ों की लागत से निर्मित सड़कों पर चलने वाले ओवरलोड वाहनों के लिए कोई नियम कानून नहीं है। प्रशासन या तो इस नियम कानून से अनभिज्ञ है, या फिर इस कानून का खुल्ला उल्लंघन करने के लिए ट्रांसपोर्टर व अन्य एजेंसियों को सुविधा शुल्क लेकर खुली छूट दे दी गई है।  जिले के गांवों में प्रधानमंत्री सड़क, योजना में बहुत सड़क का निर्माण हुआ है परंतु सड़कों का रख रखाव के आभाव में सड़कों का हाल-बेहाल होने लगा है। इन सड़कों के जर्जर होने के दो मुख्य कारण है, पहला कारण मानक के अनुसार गुणवत्तापूर्ण निर्माण नहीं हुआ है। और दूसरा कारण 12 टन की क्षमता वाले इन ग्रामीण सड़कों पर 20 से 25 टन धान, गिट्टी, बालू, सीमेंट व अन्य सामग्रियों से लदे वाहनों को निरंतर आना-जाना है। जबकि इन सड़कों की भार क्षमता मात्र 12 टन निर्धारित  है।जिले में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बने सड़क पर छोटे-बड़े असंख्य गडढे हो गए है। नियमानुसार सड़कों पर मानक के अनुसार लोड वाहनों को चलना है, इसके लिए सड़क किनारे भार क्षमता वाली सूचना बोर्ड  अंकित की जानी है पर जिले में कही भी ओवर लोड वाहन निषेध का बोर्ड नजर नही आता । जिम्मेदार विभाग ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों की सुरक्षा के लिए इन ओवर लोड वाहनों पर कार्रवाई नहीं कर रहा है जिसके चलते करोड़ो की लागत से निर्मित सड़क विभागीय लापरवाही के चलते गड्डो में तब्दील होने के कारण लोगो को इन खस्ताहाल सड़को पर चलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।।    * इस सम्बंध में प्रधानमंत्री सड़क योजना के ई प्रदीप कुमार वर्मा से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सड़क योजना में निर्मित सड़क का भार क्षमता 12 टन है इससे अधिक भार वाहनो को प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बने सड़क पर चलाना प्रतिबंधित है। प्रधानमंत्री योजना के तहत बने सड़क पर ओवर लोड वाहनों पर कार्यवाही कौन करेगा पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि यह काम पुलिस और आर टी ओ विभाग का है।*

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