- सरपंच तो सरपंच जनपद सदस्य ने भी नहीं छोड़ा शासन के योजनाओं पर डाका डालना
यामिनी चंद्राकर/ छुरा : केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा जनता के हित के लिए अनेक प्रकार की योजनाएं संचालित की जा रही है और उन योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए जिला पंचायत जनपद पंचायत एवं पंचायत के साथ और भी अन्य विभागों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है ताकि शासन द्वारा जनता के हित के लिए स्वीकृत किए गए कार्यों को धरातल तक पहुंचाने में सभी विभागों की अहम भूमिका निभाानी होती है लेकिन यह विडंबना ही है कि शासन द्वारा जनता के हित के लिए बनाए गए योजना का लाभ ग्राम पंचायत व जनपद पंचायत में बैठे जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि उठा रहे है चुनाव के वक्त जनता से किए गए सारे वादे और कसमें भूल कर वे अपने खुद का हित साधने में लग जाते हैं और शासन के द्वारा जनता के हितों के लिए योजनाओं में डाका डालने से भी नहीं चूकते इसका जीता जागता उदाहरण देखने को मिल रहा है गरियाबन्द जिले के विकासखंड छूरा के ग्राम पंचायत रानीपरतेवा जहा ग्राम पंचायत क्षेत्र के विकास के योजनाओ पर सरपंच द्वारा जमकर भरस्टाचार के खिलाफ पूर्व जनपद सदस्य द्वारा जिला पंचायत गरियाबन्द के लिखित शिकायत पर जांच करते हुए अनुविभागीय अधिकारी छूरा द्वारा रानीपरतेवा सरपंच को बर्खास्त करने का मामला अभी ठंडा भी नही हुआ है की फिर रानीपरतेवा के ग्राम वासियो द्वारा रानीपरतेवा निवासी जनपद पंचायत छूरा के कृषि सभापति प्रहलाद यादव पर शासन के आंखों में धूल झोक कर मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायत रानीपरतेवा के पूर्व सरपंच हेमालाल ध्रुव से साठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि शासन द्वारा जनता के हित के लिए बनाए गए योजना का लाभ जनपद कृषि सभापति द्वारा अपने व अपने परिवार के सदस्य के नाम पर गोपालन सेड निर्माण हेतु आठ लाख रुपये स्वीकृत करा कर गोपालन सेड का निर्माण तो करा लिया लेकिन गोपालन के नाम से स्वीकृत कराये गए सेड में गोपालन नही करते हुए उस सेड का उपयोग अपने ट्रेक्टर ,हार्वेस्टर और अनाज गोदाम के रूप में किया जा रहा है जो जांच का विषय है जिसकी निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की मांग ग्राम वासियो द्वारा की गई है जिसपर ग्राम वासियो का कहना है कि शासन की महती योजना गोपालन की स्वीकृति पर सेड निर्माण न करके अपने निजी काम पर लेना शासन के आंखों में धूल झोंककर शासकिय राशि का दुरुपयोग का मामला भी बताया।बात यही खत्म नही हुई ग्रामीणों ने बताया कि कृषि सभापति नेअपने रसूख और पहुंच के बल पर चारों ओर से शासन से छल रेप कर मलाई खाने की फिराक में रहते हैं यह बात सोचने को मजबूर करती है कि गरीब शोषित पीड़ित महिलाएं आगे आए सोचकर शासन द्वारा महिला समूह को पूरक पोषण आहार रेडी टू ईट शिशु एवं माताओं को परोसने के लिए नियुक्त किया जाता है ताकि कुपोषण से लड़ा जा सके परंतु इनमें भी विगत 12 वर्षों से इनके ही परिवार की महिलाएं लक्ष्मी स्व सहायता समूह के नाम से रेडी टू इट का संचालन कर रही है और तो और महिला बाल विकास समिति को 4 माह पूर्व इस समूह ने अध्यक्ष और समूह का नाम बदलकर आवेदन दिया है ताकि रेडी टू ईट में भी कांटा मार सके गुणवत्ताहिन पोषण सामग्री माता और शिशु दोनों के लिए घातक है इसकी जांच कर इनका टेंडर निरस्त किया जाए और अन्य महिला समूह को टेंडर दिया जाए ताकि कुपोषण से लड़ाई में समाज में एक स्वास्थ्य और स्वच्छ मातृ और शिशु भविष्य के लिए तैयार करें और शासन के जेब में डाका डालने वालों के ऊपर सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए जो अपने पद पहुंच और पैसा के अहंकार में कुछ भी गलत करने का फिराक पालते हैं।सोमन यादव मुकेश साहू पवन साहू पन्नालाल ध्रुव ने आरोप लगाते हुए कहा है कि इस प्रकार का भ्रष्टाचार करने वाले जनप्रतिनिधि द्वारा किए गए यह मामला की जांच करने की मांग शासन प्रशासन से की है।हालांकि न्याय में देरी ही छुरा क्षेत्र में भ्रस्टाचार को बढ़ाबा दें रहा हैं और जिला पंचायत भाई भतीजा वाद में लगा हुआ है जबकि कुछ दिन पूर्व रानीपरतेवा पंचायत को निलंबन किया गया हैं और सचिव पर अभी तक कोई कार्यवाही का ना होना भी जिला पंचायत की कार्य शैली पर सवाल कई खड़ा करता हैं।