पुरूषोत्तम कैवर्त/ कसडोल । भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति को देवी का स्थान दिया गया है और उन्हें पूजा जाता है । हमें अपने संस्कृति पर गर्व करना चाहिए कि हमारी संस्कृति को अन्य देशों के लोग भी अपनाने लगे हैं । समीपस्थ ग्राम सेल में आयोजित श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में कथा व्यास आचार्य कीर्ति कुमार पाण्डेय ने श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए उक्त बातें कही । उन्होंने आगे कहा कि हमारे सनातन धर्म में प्राचीन काल से ही नारी शक्ति का सम्मान किया जाता रहा है , काली ,दुर्गा , पार्वती ,सीता माता , श्री राधे रानी आदि विभिन्न रूपों में उनकी पूजा की जाती है । विश्व का एकमात्र सनातन धर्म है जिसमें महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और अन्य किसी धर्म के लोग सोलह श्रृंगार नहीं करती । भारतीय संस्कृति का अब विश्व के अनेक देशों के लोग अनुशरण करने लगे हैं जो हम सबके लिए गौरव की बात है । आज देश के लोगों में पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते अंधा अनुकरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमे अपने संस्कृति को बचाए रखने के लिए आगे आना होगा । आचार्य जी ने कहा कि श्रीमद भागवत पुराण हम सबको जीने का कला सिखाता है । भगवत्भक्ति से मोक्ष की प्राप्ति होती है । आचार्य जी के संगीतमय श्रीमद भागवत कथा का श्रवण करने सेल के साथ साथ आसपास के अन्य ग्रामो के लोग भी पहुंच रहे हैं ।भागवत कथा का आयोजन ग्राम वासियों द्वारा सार्वजनिक रूप से किया जा रहा है ।
हमें भारतीय संस्कृति पर गर्व होना चाहिए : आचार्य कीर्ति कुमार पाण्डेय
