(चिरमिरी /कोरिया ब्यूरो ) भरत मिश्रा | केंद्र सरकार इस बार आम बजट एक माह पहले 1 फरवरी को ही प्रस्तुत कर रही है |बजट को लेकर हर वर्ग में लोगों को कई उम्मीदें हैं | खासकर नोटबंदी के बाद नौकरीपेशा लोग इनकम टैक्स स्लैब में बढ़ोतरी चाहते हैं। नोटबंदी के बाद इसकी जरूरत भी महसूस की जा रही है। आयकर में छूट की दर बढ़ाने तथा निवेश की सीमा 1.50 लाख से बढ़ाने की मांग कर रहे हैं | आम बजट को लेकर सीए नितेश अग्रवाल का कहना है कि,कोरोना महामारी कि वजह से वर्ष 2020 निराशाओ भरा रहा पर नया वर्ष 2021 अपने आप में अनेक आशाओं को संजोए हुए है, ना सिर्फ भारत वर्ष वरन् संपूर्ण विश्व एक अच्छे स्वास्थ्य, अच्छे जीवन शैली एवं अच्छी सुविधाओं कि उन्मीद लिए बैठा हुआ है, इसी बीच 1 फरवरी 2021 को पेश होने वाले आम बजट से भी एक आम भारतीय कि कई आशाए बंधी हुई है, एक टैक्स पेअर टैक्स मे छूट एवं निवेश के नए रास्ते एवं नई राहत कि मांग वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी से कर रहा है जो की सोमवार को सुबह आम बजट 2021 प्रस्तुत करेंगी | आयकर छूट की बेसिक छूट की सीमा 2.50 लाख से बढ़ाकर 5.00 लाख तक करने की मांग इस बार भी है, हालाकि पिछले वर्ष के बजट में वित्त मंत्री जी ने धारा 87 ए के तहत ₹12500 की छूट देकर लोगों को खुश किया था पर 5 लाख से ऊपर कि आय पर यह 12500 कि छूट नहीं मिलती थी अर्थात उन्हें पुरानी टैक्स स्लैब के आधार पर ज्यादा टैक्स जमा करना पड़ता था, इस बजट में लोगों की डिमांड है किस छूट को बढ़ाकर ढाई लाख से 5 लाख तक किया जाए | धारा 80C के तहत निवेश पर मिलने वाली डेढ़ लाख की छूट को बढ़ाकर 3 लाख तक करने कि मांग कई समय से है पर इस बजट में यह मांग पूरी होने कि संभावना है इस धारा के तहत कई निवेश है जिसमे छूट उपलब्द है जैसे LIC प्रीमियम, पीपीएफ डिपॉज़िट, सुकन्या समृद्धि योजना, होम लोन पर देय प्रिंसिपल राशि इत्यादि पर इन सभी निवेशों पर मिलने वाली छूट की राशि 1.50 लाख से ज्यादा नहीं है | धारा 80D जो आपके स्वास्थ्य बीमा एवं मेडिकल खर्चो की छूट प्रदान करता है उसकी वर्तमान तय सीमा को नॉन सीनियर सिटीजन के लिए 25000 से बढ़ाकर 50000 तथा सीनियर सिटीजन की 75000 तक किए जाने कि विशेष मांग है.. कोरोना इलाज हेतू किए गए मेडिकल खर्चों पर भी अलग से छूट देना नैतिकता भरा कदम होगा।लिस्टेड शेयर एवं मच्यूल फंड बेचने पर लगने वाले लोंग टर्म कैपिटल गैन 1 लाख तक टैक्स फ्री हैं पर उससे ज्यादा गैन पर 10% टैक्स का प्रावधान है लोगों को मांग है कि 1 लाख को बड़ा कर 2.50 लाख किया जाए या फिर 10% कि टैक्स रेट को कम किया जाए | कोरोना काल में वेतन भोगी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम के नियम के तहत कार्य करना पड़ा जिसमें बहुत से कर्मचारी जो दूर-दराज ग्रामीण क्षेत्रों में थे उन्हें घर पर ही ऑफिस सेट अप जैसे फर्नीचर इंटरनेट अन्य जरूरत की वस्तुओं के ऊपर खर्च करना पड़ा जिससे नौकरी पेशा कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें एक बार पुनह Rs. 50000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन वर्तमान के अलावा प्रदान की जाए | वातावरण फ्रेंडली उपभोग की वस्तुओं जैसे बायो टायलेट, सोलर लैंप, सोलर हीटर, इलैक्ट्रिक गाडियां के उपयोग हेतु लिए गए लोन पर चुकाए हुए ब्याज पर छूट का प्रावधान कि मांग कि जा रही है | हैल्थ इंसुरांस के प्रीमियम पर लगने वाला 18% GST को भी पूरी तरह से हटाने कि मांग को गई है ताकि एक आम नागरिक के जेब पर अप्रत्यक्ष रूप से लगने वाला भार काम हो सके | अगर उपरोक्त मांग को इस वर्ष के बजट में पेश किया जाता है तो गत वर्ष कि आर्थिक विषमताओं के मध्य टैक्स पेअर के चेहरे में सुकून और राहत कि एक मुस्कान देखीं जा सकेगी |
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