(बीजापुर ब्यूरो ) सम्मैया पागे | नेशनल मार्ग के आस-पास बसा गिलगिच्चा एवं टिगोलगुडा में स्थापित समक्का ,सराक्का माता मंदिर के चारों ओर वन विभाग द्वारा निर्माण बाउंड्री वॉल में लगे 18 मजदूरों का मजदूरी भुगतान 08 माह बाद भी नहीं हो सका। मजदूरों के अनुसार प्रथम दृष्टांत तो यह है कि बाउंड्री वॉल निर्माण कार्य के दरमियान वन परिक्षेत्र अधिकारी किसी दंती नाम के ठेकेदार को काम देकर मजदूरी ठेकेदार नहीं देने से स्वयं देने की जिम्मेदारी में मजदूरों से काम कराया गया। मजदूरी भुगतान करने की भारी आई तो रेंजर सच्चिदानंद यादव ने भुगतान राशि ठेकेदार को देने के नाम पर कोरोना काल में फिजिकल डिस्टेंस का पालन करते हुए तपती धूप में काम किए गरीब तबके के मजदूरों को आज कल देंगे करके 08 महिनों तक प्रताड़ित करते रहें। परेशान मजदूर मजदूरी लेने कभी रेंजर से गुहार लगाते तो कभी ठेकेदार के घर का चक्कर लगाते रहें। वही मजदूर ठेकेदार व रेंजर से तंग आकर बीजापुर थाना कोतवाली में दोनों खिलाफ शिकायत दर्ज करने पहुंचे मजदूरों का इत्तफाक से मीडिया से हुई मुखातिब में मीडिया से मजदूरी राशि दिलाने की मांग करते हुए कहा मजदूरी भुगतान को लेकर कई दफे रेंजर से मांग की लेकिन हर बार रेंजर और ठेकेदार के द्वारा टाल-मटोल कर भगा दिया जाता रहा। उन्होंने कहा हर हफ्ते मजदूरी भुगतान करने का भरोसा देकर काम कराया गया। काम होने के बाद आजकल देंगे करके दिन-ब-दिन वादे करते रहें। लेकिन देना मुनासिब नहीं समझा जबकि रोज कमा खाने वाले मजदूरों को समय पर मजदूरी नहीं मिलने से घर पर चुल्हा नहीं जलता है। ऐसे में मजदूरों का जीवन और भी कष्टदाई हो जाता है। जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते मजदूरी राशि महिनों बाद मिलता है। तब तक रोजमर्रा जीवन से जुड़ें दैनिक उपयोगी वस्तुएं जुटाने में कई तकलीफों का सामना करना पड़ता हैं। जिससे मजदूर रोजी रोटी के जुगाड में अन्य राज्यों में पलायन करने की मूल जड़ लापरवाही को बताया ।
आहत मजदूरों के अनुसार ऐसा जान पड़ रहा हैं। बाउंड्री वॉल निर्माण में लगे मजदूरों को कुछ दिनों का मजदूरी देकर बाकी दिनों का मजदूरी हड़पने के उद्देश्य से रेंजर महिनों से टालमटोल करते रहें। आखिर मामला प्रकाश में आने के बाद मजदूरी राशि भुगतान के सिलसिले में दूरभाष पर हुई चर्चा में खुलासे के मुताबिक मजदूरी राशि भुगतान करने ठेकेदार को दिया बता दुबारा भुगतान करने से साफ इन्कार कर दिया। छत्तीसगढ़ वॉच प्रतिनिधि के पहल के बाद रेंजर नेे मजदूरी भुगतान करने की जहमत उठाया जाकर मजदूरों केे गांव उसकालेड़ नया पारा नेेेशनल मार्ग 63 के आसपास बसेे राजमिस्त्री गोटे बद्री के घर जाकर गोटे लक्ष्म़ैया, दुब्बा हन्मैया, गोटे सम्बैया, दूब्बा सुधाकर, दुब्बा राजू ,दुम्पा परमेश,गोटे सपना ,गोटे सरस्वती सहित सभी मजदूरों से मुलाकात में हिसाब लेकर मजदूरी भुगतान राशि तीन दिन के अंदर रेंजर बिटगार्ड वासुदेव अल्लूर को दे दिया। उसके बाद वासूदेव मजदूरों को भुगतान राशि देने के पश्चात मजदूरी राशि पाकर मजदूर मीडिया का तहेदिल से आभार व्यक्त किया ।