(सुकमा ब्यूरो ) बालकृष्ण मिश्रा | सुकमा जिले के दूरस्थ अंचलों में भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने की कोशिशें अब रंग ला रही हैं। पिछले कई सालों से बंद रहे गोलापल्ली के स्वास्थ्य केन्द्र में शुक्रवार को पहली किलकारी गुंजी, जब जिन्नेलंका की नागमणि ने अपने दूसरे पुत्र को जन्म दिया। एक स्वस्थ बालक के जन्म से पूरे स्वास्थ्य केंद्र में खुशियों की लहर दौड़ गई। अपने पहले बच्चे को घर में ही जन्म देने वाली नागमणि ने कुशल स्वास्थ्य कर्मियों की देखरेख में दूसरे बच्चे के जन्म पर खुशी जताने के साथ ही मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गोलापल्ली में स्वास्थ्य केंद्र को पुनः प्रारंभ कर दूरस्थ अंचलों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के संकल्प को पूरा किया है।
23 वर्षीया श्रीमती माड़वी नागमणि ने बताया कि उनकी दूसरी संतान के अस्पताल में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की देख रेख में होने की खबर ने चिंता को लगभग खत्म ही कर दिया था। शुक्रवार सुबह 10ः30 बजे नागमणि को पुत्र रत्न की प्राप्ति से स्वास्थ्य केंद्र में खुशियों की लहर दौड़ने के साथ ही बधाईयों का सिलसिला भी शुरू हो गया। उन्होंने बताया कि उनके लिए अस्पताल में अपने बच्चे को जन्म देना एक सुखद अनुभव रहा। प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की देख रेख में उन्हें प्रसव के दौरान कोई चिंता नहीं थी। नागमणि ने बताया कि उनका गांव जिन्नेलंका गोलापल्ली से लगभग 4 किलोमीटर भीतर स्थित है, वे खेती मजदूरी कर के अपना पेट पालते हैं। उनको पहली संतान 4 वर्ष पूर्व हुई थी, तब क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नहीं थी और उन्हें घर पर ही प्रसव करना पड़ा जिसमे बच्चे को संक्रमण का खतरा था। किन्तु इस बार उन्हें पूर्ण चिकित्सकीय परामर्श एवं सहायता मिली जिससे उन्हें एवं उनके परिवार को बहुत राहत मिली। नागमणि के पति श्री लखन माड़वी ने बताया कि इस बार प्रसव पूर्व से ही वे अपनी पत्नी को स्वास्थ्य केंद्र लाकर नियमित जांच करवा रहे थे, ए एन सी पंजीयन पश्चात 4 बार जांच की गई, और माता एवं शिशु के लिए उपयुक्त आहार की जानकारी भी महिला स्वास्थ्य कर्मी द्वारा दी गई जिसका उन्होंने पूर्ण रूप से पालन किया। उन्होंने बताया कि नागमणि को प्रसव की संभावित तिथि के अनुसार 3 दिवस पूर्व ही अस्पताल में दाखिला मिल गया था जहां जच्चा बच्चा दोनों की पूर्ण देखभाल की गई। स्वस्थ परिवेश में प्रसव कराने से उन्हें किसी प्रकार के संक्रमण की भी चिंता नहीं थी। नागमणि और लखन ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के प्रति आभार प्रकट करते हुए गोलापल्ली जैसे दुर्गम क्षेत्र में बेहतर सवास्थ्य सेवाओं के संचालन के लिए धन्यवाद दिया। शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव है लक्ष्य
गोलापल्ली उप स्वास्थ्य केंद्र की महिला सवास्थ्य कर्मी श्रीमती बी.वी रमनम्मा ने कहा कि जिले के भीतरी क्षेत्र में स्थित होने से यहां की महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी परामर्श के लिए निकटतम सवास्थ्य केंद्र या गंभीर समस्यों के निदान के लिए जिला अस्पताल ही जाना पड़ता था जिसमे उन्हें बहुत कठिनाई आती थी। वहीं कुछ महिलाएं घर पर ही प्रसव करवाती थी जिसमे माता एवं शिशु को संक्रमण का खतरा रहता है। उन्होंने कहा कि यह गोलापल्ली उप सवास्थ्य केंद्र में पहला संस्थागत प्रसव था। क्षेत्र की महिलाओं को संस्थागत प्रसव हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि भविष्य में गोलापल्ली उप स्वास्थ्य केंद्र में अधिक मात्रा में गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य सुविधा का लाभ लेकर अपनी मातृत्व सुख का कई गुना आनंद ले सकें।