अक्कू रिजवी/ कांकेर : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की इकाई कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर द्वारा अखिल भारतीय समन्वित दीर्घ-कालीन उर्वरक प्रयोग परियोजना के आदिवासी उपयोजना के तहत धान किस्म चन्द्रहासिनी के फसल में 100 प्रतिशत इष्टतम उर्वरक (120 नत्रजनः 60 स्फूर : 40 पोटाश किलोग्राम प्रति हेक्टेयर) उपयोग का मृदा पर प्रभाव विषय पर आज विकासखण्ड चारामा के ग्राम तेलगरा में प्रक्षेत्र दिवस सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर के मृदा वैज्ञानिक डॉ. कोमल सिंह केराम, डॉ. सी. एल. ठाकुर, हेमन्त भुआर्य एवं दिनेश सिन्हा ने कृषकों को धान (चन्द्रहासिनी) फसल में 100 प्रतिशत इष्टतम उर्वरक की मृदा पर पड़ने वाले भौतिक, रासायनिक एवं जैविक प्रभाव की विस्तृत जानकारी प्रदान किया तथा कृषकों को ग्राम में आयोजित फसल प्रदर्शन का भ्रमण कराकर कृषकों के प्रश्नों का समाधान किया गया।
प्रक्षेत्र दिवस पर कार्यशाला का किया गया आयोजन
