नई दिल्ली : एलओसी पर आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तान अब तुर्की से एक खास रडार सिस्टम लेनी की तैयारी कर रहा है. ये रडार ना केवल आतंकियों की घुसपैठ में मदद करेगी बल्कि पाकिस्तानी सेना को सर्जिकल स्ट्राइक जैसी किसी परिस्थिति से बचाने में भी मदद कर सकती है. बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद से ही पाकिस्तान चीन से बड़े पैमाने पर हथियारों का सौदा कर रहा है. लेकिन अब खबर है कि पाकिस्तान तुर्की से भी सैन्य सहयोग बढ़ाने की फिराक में है. हाल में ही कश्मीर के मसले को लेकर भारत और तुर्की के संबंधों में भी खटास आई है. जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान अपनी सीमाओं की रक्षा और सर्विलांस के नाम पर अपने मित्र देश तुर्की से एक खास रडार सिस्टम लेने जा रहा है. सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान तुर्की से ‘रैटीनार पीटीआर-एक्स पैरीमीटर’ सर्विलांस रडार सिस्टम ले रहा है. लेकिन इस रडार सिस्टम को लेने का मकसद भारत से सटी एलओसी पर आतंकियों की घुसपैठ कराना है. इस रडार सिस्टम की खास बात ये है की ये ‘पोर्टेबल’ है यानी इस बैगपैक सिस्टम को मात्र दो लोग आसानी से ऑपरेट कर सकते हैं और कहीं भी आसानी से उठाकर ले जा सकते है. इस रडार सिस्टम की रेंज करीब 4 किलोमीटर है और ये इंसान, जानवर और यहां तक की गाड़ी के बारे में भी सही सही जानकारी दे सकता है. दुनिया में ऐसे कम सिस्टम है जो बॉर्डर पर लगने के बाद इंसान और जानवर में फर्क बता सकें. ये सिस्टम पूरी तरह से ऑटोमैटिक तरीक़े से बड़े इलाके को स्कैन कर सकती है और इसके इस्तेमाल से लगातार दूरबीन और कैमरे की मदद से निगरानी करने की कोई जरूरत नही है. जानकारों की माने तो पाकिस्तान तुर्की से इस सिस्टम को इसलिए ले रहा है क्योंकि एलओसी पर भारतीय सेना के मज़बूत ग्रिड के चलते घुसपैठ की कोशिशें नाकाम हो रही हैं. ऐसे में इस रडार के जरिए वो उन इलाको को स्कैन करके ढूंढने की कोशिश करेगा जहां से उसे घुसपैठ करना में आसानी हो ताकि घुसपैठ के पारंपरिक रास्तों के बजाए नए रूट खोले जा सकें.
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