प्रांतीय वॉच

अब परिस्थितियों के साथ लोगों ने जीना सीख लियाः डॉ. टेंभुरकर

तिलकराम मंडावी/ डोंगरगढ़ : षासकीय नेहरु कॉलेज में प्राचार्य डॉ. केएल टांडेकर के दिषा-निर्देषन व आईक्यूएसी ने कोरोना वायरस से बचाव-सावधानी और सुरक्षा विशय पर एक दिवसीय कार्यषाला का आयोजन किया गया। कार्यषाला में विशय विषेशज्ञ के रूप में प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. प्रमोद टेंभुरकर मौजूद रहे। प्राचार्य डॉ. केएल टांडेकर ने कहा कि वर्तमान में फैली कोरोना महामारी से सुरक्षित रहने के लिए हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना अति आवष्यक है। कोरोना महामारी के प्रारंभ के दिनों में एक व्यक्ति भी अगर कोरोना पॉजिटिव मिलता था तो पूरे क्षेत्र में दहषत फैल जाती थी किंतु परिस्थितियां बदलनें के साथ-साथ लोगो ने अब इसके साथ जीना सीख लिया है। यह आष्चर्य का विशय है, कि जिस बीमारी को कोई इलाज नहीं है। उससें 87 प्रतिषत मरीज ठीक हो रहे है। कोरोना महामारी से बचाव के लिए सावधानी व सुरक्षा अति आवष्यक है। डॉ. टेंभुरकर ने कोविड-19 के बारें में बताया कि यह एक वायरस है, जो 31 दिसंबर 2019 को पहली बार अस्तित्व में आया था। कोरोना व कोविड दोनो अलग-अलग वायरस है। कोविड वायरस आरएनए मॉलिक्यूल का एक वायरस है। यह वायरस ठंड के दिनों में ज्यादा अधिक गति से वायरल इफेक्ट करता है, यह वायरस सबसे पहलें व्यक्ति की नाक पर वार करता है। नाक से होते हुए छाती व फेफडे़ तक पहुंचकर फेफडो में ब्लॉकेज लाकर ऑक्सीजन लेवल को कम कर देता है। इससे बचनें के लिए हमें सोषल डिस्टेंस का पालन करते हुए कम से 3 फीट की दूरी बनाएं रखना आवष्यक है। साथ ही मास्क का उपयोग, साबुन से हाथ को समय-समय पर धोते रहना, गर्म भाप लेना व सैनिटाइजर का सीमित मात्रा में उपयोग करने की बात कही।
कार्यक्रम के अंत में कॉलेज की आईक्यूएसी प्रभारी डॉ. ईवी रेवती ने विशय विषेशज्ञ डॉ. टेम्भुरकर को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रदीप कुमार जांबुलकर, डॉ. आषा चौधरी, डॉ. मुन्ना लाल नंदेष्वर, डॉ. आरआर कोचे, बीआर सिवारे, ग्रंथपाल नितेष तिरपुडे उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *