रायपुर । माना स्थित स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट को अब हर आपात स्थिति से लडऩे के लिए तैयार है। आपात स्थिति के दौरान हर किसी की भूमिका तय कर दी गई है। ऐसे में अगर केमिकल, बायोलॉजिकल और न्युक्लियर हमले का भी खतरा होता है तो जवानों के साथ एयरपोर्ट अथॉरिटी स्टाफ भी उससे निपटने में सहयोग करेगा।एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से बताया गया कि माना जाता है कि इस तरह की घटनाएं आमतौर पर कार्गो क्षेत्र में हो सकती हैं। इसे देखते हुए अभ्यास भी एयरपोर्ट के कार्गो सेक्शन में किया गया था।एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से बताया गया कि माना जाता है कि इस तरह की घटनाएं आमतौर पर कार्गो क्षेत्र में हो सकती हैं। इसे देखते हुए अभ्यास भी एयरपोर्ट के कार्गो सेक्शन में किया गया था।जैविक और रासायनिक खतरों से निपटने के लिए रायपुर एयरपोर्ट पर मंगलवार को मॉक ड्रिल किया गया। इसमें चार एजेंसियों ने हिस्सा लिया, जिसमें एयरपोर्ट अथॉरिटी की फायर विंग के साथ ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सीआईएसएफ भी शामिल थी। इसका उद्देश्य ही सभी एजेंसियों को आपात स्थिति के लिए तैयार करना था।मॉक ड्रिल में चार एजेंसियों ने हिस्सा लिया, जिसमें एयरपोर्ट अथॉरिटी की फायर विंग के साथ ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सीआईएसएफ भी शामिल थी।मॉक ड्रिल में चार एजेंसियों ने हिस्सा लिया, जिसमें एयरपोर्ट अथॉरिटी की फायर विंग के साथ ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सीआईएसएफ भी शामिल थी।एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से बताया गया कि माना जाता है कि इस तरह की घटनाएं आमतौर पर कार्गो क्षेत्र में हो सकती हैं। इसे देखते हुए अभ्यास भी एयरपोर्ट के कार्गो सेक्शन में किया गया था। इसमें हर एजेंसी की भूमिका पहले से तय की गई, जिससे वास्तविक घटना के दौरान सभी एक टीम के रूप में स्थिति से निपटने के लिए काम करें।
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