नई दिल्ली । माल एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की आज बैठक होनी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में यह बैठक होगी, जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा होगी. बैठक में कोरोना संकट में हुए घाटे की भरपाई को लेकर मंत्रणा होगी. इसके अलावा सोना बेचने पर तीन फीसदी GST लगाए जाने, गोल्ड को ई-वे बिल के दायरे में लाने और टू-व्हीलर्स पर GST 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी किया जा सकता है.
राज्यों को करनी होगी भरपाई
राज्यों के बकाया जीएसटी कंपंसेशन के मामले में केंद्र सरकार मंत्रियों के समूह यानि GOM के गठन का प्रस्ताव रख सकता है. मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना संकट के मौजूदा हालात के चलते केंद्र सरकार फिलहाल और उधारी लेने के मूड में नहीं है. ऐसे में GOM के जरिए राज्यों के साथ रायशुमारी कर राज्यों को हो रहे GST घाटे की भरपाई के नए विकल्प तलाशे जा सकते हैं.
राज्यों को तलाशने होंगे नये विकल्प
GST काउंसिल की पिछली बैठक में कंपंसेशन के मामले पर तमाम विकल्प तलाशने को लेकर चर्चा हुई थी. इस दौरान अटॉर्नी जनरल की तरफ से भी बताया गया कि आर्थिक मंदी जैसे हालात में केंद्र की तरफ से घाटे की भरपाई का कोई प्रावधन नहीं है. इसके बाद राज्यों की तरफ से मांग उठने लगी कि केंद्र ही उधार लेकर इसकी भरपाई करे. जीएसटी काउंसिल को ये जीओएम सलाह मश्विरा करके बताएगा कि किस मद के तहत राज्यों को हो रहे जीएसटी कलेक्शन के नुकसान की भरपाई के इंतजाम किए जाएं.
पुराना सोना बेचने पर देना पड़ सकता है GST
पुराने सोने के आभूषण या सोना बेचने पर मिलने वाली राशि पर आने वाले समय में तीन प्रतिशत GST चुकाना पड़ सकता है. आगामी GST परिषद की बैठक में इस पर फैसला हो सकता है. हाल ही में राज्यों के वित्त मंत्रियों के एक समूह (GOM) में पुराने सोने और आभूषणों की बिक्री पर तीन प्रतिशत GST लगाने के प्रस्ताव पर लगभग सहमति बन गई है.
अभी हाल में ही मंत्री समूह की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये हुई थी जिसमें कुछ मुद्दों पर चर्चा हुई थी. इस बैठक में सोने और बहुमूल्य रत्नों के परिवहन के लिए ई-वे बिल के क्रियान्वयन की समीक्षा भी की गई. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा, यह फैसला किया गया है कि यदि कोई राज्य सोने के लिए ई-वे बिल का क्रियान्वयन करना चाहता है, तो वह राज्य के भीतर सोने को एक जगह से दूसरी लगह भेजने के मामलों में ऐसा कर सकता है. हालांकि, जीओएम का मानना है कि एक राज्य से दूसरे राज्य में सोने के परिवहन के लिए ई-वे बिल का क्रियान्वयन व्यावहारिक नहीं होगा.
दुकानदारों के लिए ई-वे बिल देना अनिवार्य होगा
GOM ने यह भी फैसला ले सकता है कि सोने और आभूषण की दुकानों को प्रत्येक खरीद और बिक्री के लिए ई-इनवॉयस (ई-बिल) निकालना होगा. यह कदम टैक्स चोरी रोकने के लिए उठाया जा सकता है. अभी भी छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों में कई जगह सोने की बिक्री के बाद दुकानदार कच्चा बिल देते हैं. यह पूरी प्रक्रिया कर चोरी रोकने और काला धन खपाने के लिए होती है. अब इस पर रोक लगाने के लिए ई-बिल निकालना अनिवार्य करने की तैयारी है. इस पर GST की बैठक में चर्चा होगी.
टू-व्हीलर्स हो सकते हैं सस्ते
आने वाले दिनों में टू-व्हीलर्स सस्ते हो सकते हैं. सरकार इस पर लगने वाली मौजूदा GST के सबसे ऊंचे स्लैब 28 फीसदी को कम करने पर विचार कर रही है. केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि टू-व्हीलर्स न कभी लग्जरी रहे और न ही अपराध की चीजें, इसलिए यह दरें रिवीजन के योग्य हैं. ऐसे में यह माना जा रहा है कि टू-व्हीलर्स पर GST कम करने को लेकर फैसला लिया जा सकता है. ऑटो मोबाइल्स सेक्टर भी टू-व्हीलर्स पर टैक्स घटाने की मांग कर रहे हैं.
सैनिटाइजर पर GST घटाने की मांग
हैंड सैनिटाइजर पर 18 फीसदी के बजाए 12 फीसदी GST लगाने की मांग कारोबारी कर रहे हैं. हालांकि, इस पर राहत मिलने के आसार कम हैं. तमाम सैनिटाइजर मैनुफैक्चरर्स अलग अलग फोरम से लगातार वित्तमंत्री से इस पर 18 फीसदी के बजाय 12 फीसदी जीएसटी लगाए जाने की मांग कर रहे हैं.