प्रांतीय वॉच

बीजापुर जिला अस्पताल बना अव्यवस्थाओं का टोटा एवं रेफर सेंटर

Share this

निकिता के परिजनों ने चिकित्सकों के लापरवाही एवं प्रबंधन पर लगाया आरोप* ।

*एक उम्रदराज महिला का एक्सीडेंट में पैर टूटने पर उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया यहां अव्यवस्था का हवाला देकर मेडिकल कॉलेज जगदलपुर रेफर किया गया* ।

( बीजापुर ब्यूरो ) | उल्लेखनीय है कि जिला चिकित्सालय पर आरोप लगना कोई नई बात नहीं हैं, बेगैरत जिम्मेदारियों की कार्यशैली से पीड़ितगण बखुबी वाकिफ हैं। यहां पर अपने हक के लिए बोलना भी मरीज मुनासिब नहीं समझते,अरे भाई कौन क्यों जबरन का बर्रे के छत में हाथ डालेंगा,हाथ डालेंगे तो मधुमक्खी काटेंगे ही ना। यह कहावत जिला अस्पताल में चरितार्थ होते देखा जा सकता हैं, हम आपको बीते कुछ सालों में हुई तथाकथित घटनाओं से रुबरु कराएंगे सुनकर रोंगटे खड़े हो जायेंगे, बंता दें कि एक तथाकथित अदना सी महिला बीमार से ग्रसित उपचार कराने जिला अस्पताल पहुंची उपचार के दरमियान वही तथाकथित महिला और चिकित्सक के बीच कहासुनी हो गई। साथ में रहें उनके भाई ने बीच बचाव में ना जाने क्या कुछ कहा होगा अस्पताल में मानों कि भूचाल आ गया हो ।मामला यहीं नहीं रुका अस्पताल के चार दीवार से फांदकर हवा की तरह बीजापुर कोतवाली थाने के दरबार जा पहुंची पीड़ित का भाई चीखता चिल्लाता रहा रपट दर्ज हुआ भाई कानून का शिकार हो गया। वही महिला को बेहतर उपचार के लिए पड़ोसी राज्यों के तेलंगाना आंध्रप्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में उपचार कराया जाने के बावजूद भी राहत नहीं मिली। आखिर ऐसी कौन-सी दवाई का डोज लगा हम उसकी पुष्टि तो नहीं कर सकते पैर पूरी तरह अंदर ही अंदर सड़ने लगा। आखिर पीड़ित का पैर हैदराबाद अपोलो अस्पताल में काटना पड़ा। उस बेबसी महिला की व्यथा के संदर्भ किसी को कोई किंचित मात्र भी अफसोस नहीं हुआ। आज ऐसी हालात में जिंदगी गुजार रही हैं चाहकर भी अपनी जिंदगी अन्य लोगों की तरह संपादित नहीं कर सकती। ऐसा हम नहीं बल्कि तथाकथित महिला की व्यथा आज भी फोड़े की तरह दुखते मन से उस मंजर को बयां कर रही हैं महिला बेगैरत जिम्मेदारियों को कोसती हैं। उसकी बेबसी की आपबीती को हम सिर्फ लोकहित में परोस रहे हैं। हाल ही में सरकार के मार्फत बस्तर संभाग में मलेरिया उन्मूलन के अनुक्रम में चलाए गए अभियान के दौरान बीजापुर जिले के गांव घर गलियारों में मलेरिया जांच करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की कई मलेरिया जांच दल फील्ड में रहें इन्ही में से एक दल कोतापाल निकिता नागुल पिता नरसैया माता शुशील नागुल के घर मलेरिया जांच करने दस्तक दी दल ने निकिता कक्षा दसवीं उम्र 17 की मलेरिया जांच करने के पश्चात मलेरिया निकला बताकर मलेरिया की दवाई देकर तीन रोज तक सेवन करना बताकर वापस अपने गंतव्य पहुंच गई । वही दवाई का सेवन लगातार तीन रोज तक करती रही लेकिन निकिता को तनिक भी राहत नहीं मिला बल्कि तीन दिन बाद स्वास्थ्य में सुधार होने के बदले उल्टा स्वास्थ्य ज्यादा बिगड़ने लगा । घबरा गए परिजनों ने बेहतर उपचार के लिए जिला चिकित्सालय बीजापुर 04 जुलाई को भर्ती कराया गया यहां उनके स्वास्थ्य में गिरावट आते देख परिजनों ने मेडिकल कॉलेज जगदलपुर रेफर करने को लेकर चिकित्सकों के आगे पीछे चक्कर लगा रहें थें लेकिन चिकित्सकों के जिम्मेदारी के कानों में जूं तक नहीं रेंगा । जब तक रेफर करने की प्रक्रिया पूरी कर लेते तब तक बहुत देर हो चुका और देखते ही देखते निकिता बेगैरत जिम्मेदारियों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई। इस तरह निकिता हमेशा के लिए मौत के आगोश में दफन हो गई। शौक में डूबा परिवार कैंडल मार्च निकाला कर अस्पताल की लाचार व्यवस्था और मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर आरोपों की बौछार की झड़ी लगा दी । हालांकि बेहतर उपचार करने का हवाला देकर लगे आरोप का शिरे से खंडन कर जिम्मेदार अपना पल्ला झाड़ दिया । लेकिन आज भी अव्यवस्थाओं के मद्देनजर नजर अस्पताल पर आरोप लगना थमने का नाम नहीं ले रहा हैं । विडंबना यह हैं कि ंयहां पर सामान्य बीमारियों का उपचार के लिए भी मेडिकल कॉलेज जगदलपुर रेफर कर दिया जाता है । शनिवार के दिन वृद्ध महिला का वाहन दुर्घटना में पैर टूट गया । जिसका आरोप लगाते हुए वार्ड क्रमांक एक के पार्षद भाजपा के नंदू राणा ने गुरुवार को पत्रकार भवन में प्रेस वार्ता बुलाई मीडिया के समक्ष अस्पताल में बरती गई लापरवाही पर आरोप मंढ़ते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल सिर्फ योजनाओं का प्रचार प्रसार कर वह वाही लूटने से बज नहीं आ रही हैं । विदित हों कि धरातल पर गरीब तबके के लोगों तक शासकीय योजना का कोई भी लाभ नही मिल रहा है । प्रदेश के हर जिलों में स्थानांतरण,और जिर्णोद्धार कार्यों के नाम पर बेहिसाब लाखों रुपयों का गोलमोल करने से कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं । मुख्यमंत्री बीजापुर जिले को डेल्टा रैंकिंग में प्रथम स्थान पर होने का दावा करने में लगे हैं। जबकि स्थिति इसके विपरीत बयां कर रहा है । आये दिन समाचार पत्रों के माध्यम से जिले में गुणवत्ता विहीन कार्यो का निर्माण और भ्रष्टाचार के मामले लगातार अखबारों के सुनहरे पन्नों में तहलका मचाए हुए हैं । ऎसा ही मांजरा बीजापुर जिला चिकित्सालय से जुड़ा हुआ है । ज्ञातव्य हो कि जेल बाड़ा निवासी 60 वर्षीय महिला का वाहन दुर्घटना में पैर का निचला हिस्सा टूट गया जिसके उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था । यहां चिकित्सकों ने असुविधाओं का हवाला देते हुए मेडिकल कॉलेज जगदलपुर रेफर कर दिया गया । यहां मेडिकल कॉलेज में मरीजों का उपचार करने के एवज में पदस्थ डाक्टरों को शासन मुंह मांगा सैलरी देती हैं मरीजों का बेहतर उपचार कर सके । विडंबना यह है कि पैर में घाव लेकर दर्द से तड़पती उम्रदराज महिला तकरीबन दो सौ किमी की दूरी का सफर तय कर आनन-फानन में जगदलपुर पहुंची महिला पर यहां के डाक्टरों का दिल नहीं पसीजा । चीनी कोरोना संक्रमण का हवाला देकर उम्रदराज महिला को बगैर उपचार के उल्टे गृह जिला बीजापुर भेज दिया गया । अब जिला अस्पताल भी वर्तमान में रेफर सेंटर बन कर रह गया है । गौर करने वाली बात हैं कि भाजपा के शासन काल मे 30 से 35 डॉक्टर जिला अस्पताल में हुआ करते थे । शासन प्रशासन को इस मामले को संज्ञान में लेकर पीड़ित महिला को स्वस्थ सुविधा मुहैया करवाने एवं जिला अस्पताल की लचर व्यवस्था को तत्काल सुविधजनक बनाएं ताकि मुफलिसी जनता को बगैर परेशानी के अपने स्वास्थ्य का उपचार करवा सके, अस्पताल में सुविधओं को दुरुस्त नही किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी । प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वार्डवासी जिलाराम राणा लक्ष्मीनाथ पांडेय भाजपा जिला मीडिया प्रभारी अरविंद पुजारी मौजूद रहे ।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *