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गर्भावस्था के दौरान नौकरी की तलाश में दर-बदर भटकने से खोया अपना बच्चा, रक्षाबंधन में मुख्यमंत्री को राखी के साथ पत्र लिखकर बताई व्यथा 

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*गर्भावस्था के दौरान नौकरी की तलाश में दर-बदर भटकने से खोया अपना बच्चा, रक्षाबंधन में मुख्यमंत्री को राखी के साथ पत्र लिखकर बताई व्यथा

प्रकाश नाग
केशकाल:- एक ओर प्रदेश में कोविड-19 के लगातार फैलते संक्रमण के चलते सभी शासकीय व निजी शैक्षणिक संस्थानों पर ताला लगा हुआ है, वहीं दूसरी ओर इस वजह से कई युवा शिक्षित बेरोजगारी की मार भी झेल रहे हैं। इसी तारतम्य में केशकाल निवासी एक विद्यमितानिन ने गर्भावस्था के दौरान नौकरी की तलाश में दर-बदर भटकने की वजह से अपने बच्चे को खोने के बाद आर्थिक व मानसिक समस्या से परेशान होकर रक्षाबंधन के अवसर पर मुख्यमंत्री को राखी के माध्यम से पत्र लिख अपनी व्यथा बताते हुए नौकरी वापस दिलवाने की मांग की है।

*गर्भावस्था में नौकरी की तलाश में दर-बदर भटकी विद्यमितानिन-*
बता दें कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने से पूर्व घोषणा पत्र में कांग्रेस ने प्रदेश भर के विद्यमितानिनों को नियमितीकरण करने का वादा किया गया था, जिससे सभी शिक्षित युवा बेरोजगारों के मन मे एक उम्मीद की किरण जगी थी लेकिन कांग्रेस का यह वादा कागजों तक ही सीमित रह गया। इसी तारतम्य में कोंडागांव जिले के केशकाल की रहने वाली एक विद्यमितानिन महिला रेखा मंडल कर जो कि शा.क.उ.मा. विद्यालय में विद्यमितानिन के पद पर अपनी सेवा दे रही थीं। उस दौरान जिले में विद्यमितानिनो के स्थान पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति शुरू हुई जिसके लिए रेखा मंडल ने गर्भावस्था के दौरान कई जिलों मे कांकेर, कोंडागांव, दुर्ग, नारायणपुर आदि जिलों में जाकर फार्म भर नौकरी हासिल करने का हर सम्भव प्रयास किया लेकिन नौकरी हाथ नही लगी।

*लगभग 300 विद्यमितान झेल रहे हैं बेरोजगारी की मार-*
प्रप्त जानकारी के अनुसार कोंडागांव जिले में लगभग 300 ऐसे योग्यता प्राप्त युवा विद्यमितान हैं जो शासन बदलने के बाद अपनी नैकरी खोना पड़ा है। उन्ही में से एक विद्यमितानिन रेखा मण्डल हैं जो शिक्षित होने के बाद भी वर्तमान में बेरोजगारी की मार झेल रही हैं।

*विद्यमितानिन को नही मिली नौकरी, बच्चा भी खोया-*
विद्यमितानिन रेखा मण्डल ने बताया कि जब मैं नौकरी की तलाश में एक जिले से दूसरे जिले में भटक रही थी उस दौरान मैं नौ माह की गर्भवती थीं। लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी उन्हें को नौकरी प्राप्त नही हुई, साथ ही प्रसव के दौरान मुझे हमेशा के लिए अपना बच्चा भी खोना पड़ गया। जिसके बाद से आज दिनांक तक मैं लॉक डाउन के दौरान भी बेरोजगारी की मार झेल रही हूं।

*राखी के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर आर्थिक व मानसिक रूप से करवाया अवगत-*
शिक्षित होने के बाद भी योग्यतानुसार नौकरी न मिलने के साथ साथ नौकरी की तलाश में अपने बच्चे को भी खोने के बाद उक्त विद्यमितानिन ने भाई और बहन के प्यार के पर्व रक्षाबंधन के अवसर पर मुख्यमंत्री भुपेश बघेल को रक्षाबंधन भेंट के माध्यम से पत्र लिख कर नौकरी के अभाव के कारण हो रही आर्थिक व मानसिक तनाव से अवगत करवाया है साथ ही जल्द से जल्द नौकरी वापस दिलवाने की मांग की है।

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