रायपुर। प्रदेश में सट्टा-जुआ की कमजोर धाराओं का सटोरिए और जुआरी बेजा फायदा उठा रहे है। जिसके चलते आलू और नत्थानी एंड नत्थानी खुलेे आम सट्टा-जुआ चलाने के बाद भी कमजोर धाराओं के चलते पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके है। जबकि सभी जानते है कि प्रदेश में आईपीएल हो या न हो सट्टा और जुआ के साथ बेरोजगारों को कर्ज देकर नशेडिय़ों को गांजा, कोकीन पहुंचाने के लिए मोटरसाइकिल देकर कोरियर ब्वाय बना उन्हें भी फ्री में सुट्टा लगवाकर बेगारी करवा रहे है। यानी सट्टा पट्टी लिखवाने का काम सौंप पर कमीशन के काम से लगा दिया है। सबसे बड़ी बात यह है कि सट्टा जुआ की कमजोर धाराओं से पुलिस को भी सट्टा-जुआ पकडऩे के बाद तत्काल जमानत देकर छोडऩा पड़ता है और यहीं कारण है कि सटोरियों और जुआरियों को बार-बार कानून तोडऩे का मौका मिल जाता है। या यो कहे कि हैसला बढ़ाता है। मुख्यमंत्री भूपेश पुलिस तो समाज से इस लाइलाज बीमारी का जड़ से नेस्तानबूत कर देना चाहती है, लेकिन कमजोर धाराओं के चलते थाने से ही जमानत पर छोडऩा पड़ता है। राजधानी में सट्टे के कारोबारियों ने सट्टा खिलाने का एक बड़ा ही नया और नायब तरीका ढूंढ निकाला है, अब सट्टेबाज सट्टा-पट्टी नहीं काट रहे बल्कि ऑनलाइन एप पर पैसों का लेन-देन कर सट्टा खिला रहे है। आईपीएल सीजन का रोमांच प्रारंभ हो चुका है। साथ ही मैच में लगने वाले सट्टा व्यापार भी चरम सीमा पर है। शहर की पुलिस भी कोई कसर नहीं छोडऩा चाह रही है। रायपुर शहर में आए दिन सट्टेबाज और जुआरी पकड़े जा रहे है मगर उसके बाद भी ये लोग अपने अवैध कारोबार को बंद नहीं कर रहे है। शहर में आए दिन सट्टा खिलाने के आरोप दर्जनों को पुलिस गिरफ़्तार कर रही है मगर इनकी गिरफ़्तारी का कोई खास असर रायपुर में नहीं दिख रहा है उसका एक ही कारण है ऑनलाइन एप्लीकेशन के जरिए सट्टा खिलाया जाता है।बुकिंग रद्द कराने पर पंजीयन शुल्क राजसात कर रहा आरडीए पुलिस की हर कोशिश के बाद भी सटोरियों और जुआरियों पर लगाम नहीं लग रहा है। सट्टेबाज मोबाइल में ऑनलाइन खेल के नाम पर सट्टा खिला रहे है। जिसमें प्रतिभागी कम से कम सौ रुपए लगाकर एंट्री करता है। इसके अलावा कंपनी की ओर से कुल राशि में से अस्सी फीसदी राशि इनाम के रूप में बांट दी जाती है और शेष बीस फीसदी कंपनी खुद रख लेती है। कंपनी इस बीस फीसदी राशि पर ही जीएसटी दे रही है। ऑनलाइन गेम में प्रतिभागी दोनों टीम के खिलाडियों को चुनते हैं। ऐसे में इसे सट्टा माना जा सकता।
सटोरियों और जुआरियो पर कार्रवाई बेअसर…पुलिस हलाकान… अब सख्त कानून की जरूरत…!
