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क्वींस क्लब मामला : डायरेक्टर की पहुंच के आगे प्रशासन बौना, विभाग कर रहा कार्रवाई के नाम पर कागजी खानापूर्ति

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रायपुर। लाकडाउन की सख्ती के बीच क्वींस क्लब में नशे की पार्टी का आयोजन करने के मामले में जांच के घेरे में आए क्लब के डायरेक्टर हरबख्श सिंह बत्रा के खिलाफ अभी तक न तो हाउसिंग बोर्ड और न ही जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई की। अब तक केवल नोटिस पर नोटिस देने का खेल खेला जा रहा है। क्लब में संचालित बार से हाईप्रोफाइल लोगों को शराब परोसने व बेचने की शिकायत के बाद भी आबकारी विभाग ने बार का लाइसेंस तक रद नहीं किया है। पुलिस ने भी बत्रा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। क्वींस क्लब के डायरेक्टर की पहुंच के आगे प्रशासन बौना साबित होकर रह गया है। हालांकि पुलिस कप्तान अजय यादव ने संकेत दिए हैं कि हाउसिंग बोर्ड की जांच रिपोर्ट के आधार पर बत्रा पर कानून का शिकंजा कसा जाएगा। जानकारी के मुताबिक क्वींस क्लब में लाकडाउन के दौरान कई बर्थ डे और अन्य पार्टी की आड़ में रसूखदार परिवार से जुड़े लोगों को कोकीन, अफीम, शराब आदि परोसी जा रही थी। पुलिस, आबकारी विभाग और हाउसिंग बोर्ड तक इसकी लगातार शिकायत पहुंच रही थी, लेकिन वहां झांकने तक की जहमत किसी ने नहीं उठाई। बर्थ डे पार्टी में विवाद के दौरान जब गोली चल गई तब क्लब में चल रही नशाखोरी का पर्दाफाश हुआ। बावजूद इसके पुलिस ने क्लब के डायरेक्टर हरबख्श सिंह बत्रा समेत अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं की बल्कि कागजी खानापूर्ति के लिए अवैध रूप से सब-लीज पर क्लब संचालित कर रहे बिल्डर हर्षित सिंघानिया, मिनल सिंघानिया, चंपालाल जैन, नमित जैन, नेहा जैन समेत अन्य के खिलाफ लाकडाउन का उल्लंघन व महामारी एक्ट का केस दर्ज किया। मामले में नमित जैन को छोड़कर सभी को जमानत मिल चुकी है। आबकारी विभाग ने क्लब में संचालित बार से लाकडाउन के दौरान शराब परोसने के मामले में नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था। बताया जा रहा है कि संतोषजनक जवाब नहीं देने के बाद भी बार का लाइसेंस अभी तक निरस्त नहीं किया गया है। विभागीय अफसर परीक्षण के बाद कार्रवाई करने की बात कह कर रसूखदारों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। नशे की पार्टी से अनजान कैसे? ड्रग की आपूर्ति के मामले में गिरफ्तार संभव पारख क्वींस क्लब के भीतर संचालित हाई स्ट्रीज लाउंज का मैनेजर था। उसने पूछताछ में स्वीकार किया था कि क्लब में अक्सर पार्टियां होतीं थी। उसने खुद नशे की पार्टी में शामिल कई रसूखदार परिवारों के युवाओं को कोकीन उपलब्ध कराई थी। क्लब में नशाखोरी और ड्रग सप्लाई करने वाले दर्जन भर से अधिक लोग पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। अब सवाल यह उठने लगा है कि क्लब में नशे की पार्टी के आयोजन से डायरेक्टर बत्रा कैसे अनजान बने रहे? यह भी सवाल है कि पुलिस-प्रशासन ने गोलीकांड के बाद पार्टी में शामिल लोगों का डाक्टरी मुलाहिजा क्यों नहीं कराया?

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