खरसिया (विकास अग्रवाल)। हिंदुस्तान में हिंदुत्व की बात करनी पढ़ती है यह दुख की बात है यह हमारे रक्त में होना चाहिए यह हमारे व्यवहार में होना चाहि। हम हिंदू हैं उसके लिए जीना मरना चाहिए भले ही राजनीतिक परिक्षेत्र में कुछ भी हो जो हिंदुस्तान में रहता है वह हिंदू कहलाता है हिंदू कोई धर्म नहीं है। धर्म उसे कहा जाता है जिसके आदि और अंत का पता नहीं होत। आज सनातन ही हिंदुओं का धर्म है और उस को बढ़ाना चाहिए और इसे बढ़ाने के लिए कुछ लोगों की मुख्य भूमिका है जैसे पत्रकार अदाकार चित्रकार गीतकार नीतिकार यह सभी समाज के स्तंभ है और इनकी बातों को समाज सुनता है और उनका अनुशरण करता ह। हम धर्म को किस प्रकार बढ़ाए यह हम सभी का कर्तव्य है। सियाराम सखा मंडल द्वारा आयोजित विशाल रामकथा के वक्ता पूज्य राजन जी महाराज ने उक्त बातें खजारसिया के पत्रकारों को पत्रकार वार्ता के दौरान कही। खरसिया के श्रोताओं की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि खरसिया के लोगों के भक्ति भाव को देखकर ऐसा लग रहा है कि मानो उनके प्रवचन खरसिया में नहीं बल्कि अयोध्या में हो रहे है।
पूज्य राजन जी महाराज ने आगे कहा की युवाओं में धर्म के प्रति जागृति आई है इसका कारण यह है कि पहले से ही युवाओं में बचपन से ही धर्म के बीज उनकी आत्मा में पड़े हुए थे आज भजन एवं कीर्तन के माध्यम से उन बीजों में भक्ति रूपी जल पढ़ने पर अब वे अंकुरण हो रहे हैं इससे युवाओं में धर्म की और आस्था आने लगी है और यह अंकुरण अब वृक्ष के रूप में तैयार हो रहा है अतः धर्म के प्रति युवाओं का आकर्षण एक अच्छी बात है। उन्होंने बताया की जहां अधिक श्रोता होते हैं वहां वक्ता को आनंद आता है रसिक श्रोता जहां होता है वहां आनंद का भंडार होता है। श्रोताओं का भाव आंखों से दिखता है उसकी व्याख्या नहीं की जा सकती। स्थानीय कन्या विवाह भवन में आयोजित इस प्रेस वार्ता में नगर के पत्रकारगण तथा सियाराम सखा मंडल के सदस्यों ने पूज्य राजन जी महगाराज का सान्निध्य प्राप्त किया तथा श्री राम कथा से सम्बंधित चर्चाएं की गयी।