नई दिल्ली: योग गुरु बाबा रामदेव को नोटिस जारी कर सुप्रीम कोर्ट ने 4 सप्ताह में जवाब मांगा है। एलोपैथिक दवाइयों और वैक्सीनेशन के खिलाफ बाबा रामदेव की टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बाबा रामदेव अन्य चिकित्सा पद्धतियों का दुरुपयोग कैसे कर सकते हैं? अदालत यह जानना चाहती है कि वे कैसे गारंटी दे सकते हैं कि वह सभी बीमारियों को ठीक कर सकते हैं? इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने बाबा रामदेव कि ओर से एलोपैथी के खिलाफ दिए गए विज्ञापन पर याचिका दायर की है, जिस पर अदालत ने टिप्पणी की है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा है कि बाबा रामदेव को क्या हुआ है? योग को लोकप्रिय बनाने के लिए हम उनकी इज्जत करते हैं पर उन्हें इलाज के दूसरे तरीकों पर यूं सवाल नहीं उठाना चाहिए। उन्हें दूसरों की आलोचना करने से बचना चाहिए।