प्रांतीय वॉच

मुक्तिधाम में होगा गोबर से बने कंडे का उपयोग, पर्यावरण के दृष्टिकोण से कारगर साबित होगा कंडे का उपयोग, भिलाई निगम की अच्छी पहल

Share this

तापस सन्याल / भिलाईनगर : नगर पालिक निगम, भिलाई क्षेत्रांन्तर्गत गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी केन्द्रों में गोबर से कंडे तैयार किए जा रहे हैं। तैयार किए जा रहे कंडे की तादाद बढ़ती जा रही है। प्रत्येक जोन में इसका कार्य तीव्रता से हो रहा है। महिला समूहों द्वारा बनाये जा रहे कंडे की विक्रय की व्यवस्था निगम ने  प्रारंभ कर दिया है। आयुक्त श्री ऋतुराज रघुवंशी ने आज अपने निरीक्षण के दौरान उपायुक्त एवं नोडल अधिकारी गोधन न्याय योजना अशोक द्विवेदी को इसके कार्ययोजना तैयार करने को लेकर निर्देशित किया है। आयुक्त श्री रघुवंशी गोधन न्याय योजना को लेकर बेहद गंभीर है, शासन के मुख्य योजना पर कोई भी लापरवाही नही चाहते है। इसके संर्दभ में उन्होंने जोन आयुक्तों को कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिये है। निरीक्षण के दौरान उपायुक्त तरुण पाल लहरें मौजूद रहे!

पर्यावरण प्रदूषण कम करने के कारगार साबित होगा गोबर का कंडा
प्रत्येक जोन क्षेत्रों में तीव्र गति से गोबर से कंडे बनाये जाने का काम किया जा रहा है। जोन कं. 02 एवं 03 को अधिक से अधिक कंडे तैयार करने का लक्ष्य दिया गया है। मुक्तिधाम में कंडे से दाह संस्कार होने से प्रदूषण में कमी आयेगी। लकड़ी का उपयोग कम होगा। कंडा की खासियत यह है कि यह पूरी तरह से जल जाता है, राख के अलावा कोई भी अवशेष नहीं बचता। गोबर और भूंसे के इस्तेमाल से बना कंडा तीव्रता से जलता है। जिसका उपयोग मुक्तिधाम में लकड़ी के साथ किया जाता रहा है। अब स्व सहायता समूह की महिलाओं से गोबर कंडा खरीद कर  मुक्तिधाम में इसका व्यापक उपयोग निगम भिलाई करेगा!

महिलाओं को रोजगार मिलने के साथ राजस्व की होगी बचत
गोबर से बने कंडे को निगम खरीदेगी और इसका उपयोग दाह संस्कार के लिए रामनगर और छावनी मुक्तिधाम में किया जाएगा। 2रू प्रतिकिलो की दर से क्रय किये जा रहे गोबर से कंडे तैयार करने में आ रही लागत का आंकलन व प्रचलित बाजार दरो की तुलना करते हुए निगम कंडे क्रय करके मुक्तिधाम में दाह संस्कार के लिये उपयोग करेगी। महिलाओं को कंडे बेचने से प्राॅफिट भी होगा और रोजगार भी मिलेगा। लकड़ी खरीदी में लागत अधिक लगता है इसमें भी कमी आयेगी इससे निगम का राजस्व भी बचेगा। रामनगर मुक्तिधाम में अक्टूबर माह के डेथ रेट में कमी आई है, एक शव के लिये लगभग 300 कंडे की आवश्यकता का अनुमान लगाया गया है!

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *