उत्कृष्ठ विवेचना हेतु पुलिस अधीक्षक, बलरामपुर द्वारा आयोजित कराई गई 02 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला,
विवेचना विशेषज्ञों द्वारा आरक्षक से निरीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण, बताई गई विवेचना की बारीकियां
अफताब आलम
बलरामपुर/पुलिस अधीक्षक बलरामपुर मोहित गर्ग ने जिला बलरामपुर-रामानुजगंज के आरक्षक से निरीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारियों को उत्कृष्ठ विवेचना हेतु दो दिवसीय विवेचना प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन रक्षित केंद्र बलरामपुर के मीटिंग हाल में किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में विवेचना की बारीकियों के संबंध में जिले के एव जिले के बाहर से आये विषय विशेसज्ञों द्वारा पुलिस अधिकारियों को विवेचना के दौरान की जाने वाली आवस्यक कार्यवाही के संबंध में निम्नलिखित बिन्दुओं पर प्रशिक्षण दिया गया।
अपराध विवेचना के संबंध में जिला अभियोजन अधिकारी राजीव दुबे, एवम अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी मनोज चतुर्वेदी, CJM न्यायालय रामानुजगंज के द्वारा विवेचना के दौरान मर्ग जांच, गंभीर अपराधों के होने पर सबूतों के संकलन करने, केश डायरी तैयार करते समय आवश्यक दस्तावेजों का संकलन, करने तथा विवेचना दौरान विवेचकों द्वारा की जाने वाली गलतियों के बारे विधिवत जानकारी दिया गया। उन्होंने कहा कि विवेचक की छोटी सी गलती आरोपियों को बड़ा फायदा पहुचती है।
फिंगरप्रिंट
कार्यक्रम के दौरान उप पुलिस अधीक्षक श्री लीनुश किस्पोट्टा, फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट, अम्बिकापुर के द्वारा गंभीर अपराधों की विवेचना के दौरान फिंगरप्रिंट की महत्ता एवम उपयोगिता के संबंध में बारी-बारी से समस्त कार्यवाहियों के बारे में बताया गया। किस्पोट्टा द्वारा फिंगरप्रिंट कलेक्ट करने एवं केश डायरी तैयार करने के बारे में बिंदुवार बताया गया।
तृतीय लिंग के अधिकार
सुश्री विद्या राजपूत जी एवम सुश्री रवीना विरहा जी के द्वारा कार्यशाला में तृतीय लिंग के अधिकारों के संबंध में विस्तृत विवरण सहित समझाया गया। सुश्री रवीना जी के द्वारा तृतीय लिंग अधिकार संरक्षण अधिनियम कब बना , अधिनियम में कौन कौन सी धाराएं के बारे विस्तृत जानकारी दी गई। सुश्री विद्या राजपूत जी के द्वारा तृतीय लिंग कौन होते है, इन्हें तृतीय लिंग क्यों कहा जाता है तथा इनके अधिकारों के बारे में बताया गया। तृतीय लिंग के व्यक्तियों के विरुद्ध होने वाले अपराधों पर पुलिस द्वारा कैसे कार्यवाही करें, किन धाराओं में कार्यवाही की जाती है के बारे बताया गया। सुश्री विद्या राजपूत जी के द्वारा बताया गया कि हमारे समाज के लोग आज पुलिस विभाग में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे है।
सायबर क्राईम/पुलिस वेलफेयर स्कीम
महिंद्रा कोटक बैंक के मैनेजर गोपाल नामदेव एवम असिस्टेंट बैंक मैनेजर श विनय तिवारी जी के द्वारा कार्यशाला में उपस्थित पुलिसकर्मियों को बैंक फ्राड, एटीएम फ्राड,क्लोनिग आदि अन्य धोखाधड़ी होने से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए के बारे बिंदुवार बताया गया। असिस्टेंट मैनेजर तिवारी के द्वारा महिंद्रा कोटक बैंक के स्कीम के बारे में बताया गया जो पुलिस कर्मियों के लिए लाभदायक है।
सायबर क्राईम एवं फाइनैंशियल फ्राड में सायबर सेल की भूमिका
कार्यशाला को संबोधित करते हुए निरीक्षक रमाकांत साहू, प्रभारी सायबर सेल बलरामपुर के द्वारा आज के जमाने मे होने वाले सायबर क्राईम के बारे में विधिवत जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि क्राईम को डिडेक्ट करने में सायबर सेल की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जिन अपराधों में विवेचक को अपराधियों के विरुद्ध कोई सबूत नही मिलने के बाद भी कॉल डिटेल, लोकेशन, आदि तमाम तरीको से बड़े-बड़े क्राईम को डिडेक्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि जब आप किसी प्रकरण में सायबर सेल से जानकारी लेते है तो उस जानकारी का गहनता से अवलोकन करें तथा क्राईम के आरोपियों के विरुद्ध उसका उपयोग करें।कार्यक्रम के दौरान प्रशांत कतलम, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, ऑपरेशन, बलरामपुर, नारद कुमार सूर्यवंशी, एसडीओपी, रामानुजगंज, जितेंद्र खूंटे, उप पुलिस अधीक्षक अजाक, एवं जिले के थाना/चौकी प्रभारी एव प्रधान आरक्षक विवेचक उपस्थित रहे।