रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की गोमूत्र खरीदी करने की घोषणा का कांग्रेस ने जहां स्वागत किया है, वहीं भाजपा ने इसे भूपेश सरकार के छद्म छत्तीसगढ़ियावाद का हिस्सा बताया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि गोमूत्र खरीदी का निर्णय एतिहासिक है। जिस प्रकार से गोधन न्याय योजना में गोबर की खरीदी कर छत्तीसगढ़ ने देश में नया आयाम गढ़ा है, वैसे ही गोमूत्र खरीदी से भी नवाचार का नया अध्याय लिखा जाएगा।
ने कहा कि गोवंश के संरक्षण, जैविक कृषि और खेती को रासायनिक कीटनाशकों से बचाने के लिए गोमूत्र का प्रयोग क्रांतिकारी कदम साबित होगा। गोमूत्र का आयुर्वेद में भी बड़ा महत्व है। कई असाध्य रोगों के इलाज में भी गोमूत्र कारगर औषधि साबित हुई है। गोमूत्र की खरीदी हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी। इसमें चरवाहों, गोपालकों को अतिरिक्त आमदनी होगी। श्ाुक्ला ने कहा कि गोधन न्याय योजना में दो रुपये किलो में गोबर खरीदने से ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक लाभ हो रहा है। छत्तीसगढ़ माडल की गोधन न्याय योजना पूरे देश में छुट्टा पशुओं के सड़कों और खेत-खलिहानों में घूमने से रोकने की सबसे बड़ी योजना बनकर उभरी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अपने भाषणों में उत्तर प्रदेश्ा में छुट्टा पशुओं की समस्या के लिए योजना बनाने की घोषणा कर चुके हैं। शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ माडल को पूरे देश में लागू करने में संकोच नहीं करना चाहिए। संघीय ढांचे में किसी राज्य की उत्तम योजनाओं का लाभ पूरे देश की जनता को मिले, इसमें कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।
छद्म छत्तीसगढ़ियावाद के सहारे राजनीति करना चाहते हैं सीएम: भाजपा
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कंगाल, दिवालिया और बेहाल भूपेश सरकार के पास विकास के लिए पैसे नहीं हैं, इसलिए वह छद्म छत्तीसगढ़ियावाद की राजनीति करना चाहती है। मुख्यमंत्री बघेल के गेड़ी चढ़ने, ट्रैक्टर चलाने और त्योहार मनाने में छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान का छद्म आवरण बना हुआ है। अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश का वास्तविक स्वाभिमान तब होगा, जब उत्सव गांवों में मनाए जाएं और गांव, गरीब, किसान सुखी हो। उन्हें मूलभूत सुविधाएं मिलें। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का वास्तविक विकास भाजपा के शासनकाल में हुआ है। भाजपा ने राज्य को विकसित राज्य की सूची में लाकर खड़ा किया था। यह सरकार पांच-सात करोड़ का गोबर खरीदती है और 25 करोड़ विज्ञापन में खर्च कर देती है। लोग छद्म छत्तीसगढ़ियावाद को समझ गए हैं, इसलिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग सड़कों पर हैं।