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74 हाट-बाजारों में मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक का किया जा रहा है संचालन स्वास्थ्य केन्द्रों से दूर ग्रामीण अंचलों के ग्रामीणों को हाट-बाजारों में मिल रही स्वास्थ्य सुविधाएं

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अफताब आलम
बलरामपुर /मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना के तहत् बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में स्वास्थ्य केन्द्रों से अधिक दूरी, पहुंचविहीन, कठिनतम अथवा महामारी संभावित क्षेत्रों के आधार पर जिले के 74 हाट-बाजारों में मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना का संचालन किया जा रहा है। चिन्हांकित हाट-बाजारों में प्रत्येक सप्ताह मेडिकल टीम के द्वारा हाट-बाजार क्लीनिक का संचालन कर जनमानस को स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही है।
जिले के चिन्हांकित 74 हाट-बाजार अंतर्गत विकासखण्ड बलरामपुर के अतौरी, डौरा, रनहत, बादा, संतोषीनगर, पस्ता, राधाकृष्णनगर, केरता, लिलौटी, महाराजगंज व सुर्रा हाट-बाजारों में मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। इसी प्रकार विकासखण्ड राजपुर के गोपालपुर, रेवतपुर, बरियों, आरा, राजपुर, विकासखण्ड शंकरगढ़ के शंकरगढ़, डीपाडीहकला, मनोहरपुर, भरतपुर, रेहड़ा, विकासखण्ड कुसमी के चान्दो, धनेशपुर, सबाग, कोरंधा, जमीरापाट, बसकेपी एवं सामरी, विकासखण्ड वाड्रफनगर के गुडरू, भरूहीबॉस, जनकपुर, बलंगी, आसनडीह, रघुनाथनगर, जौराही, केनवारी, पशुपतिपुर, महेवा, गिरवानी, मुरकौल, फुलीडुमर, मेढ़ारी, महुली, विरेन्द्रनगर, पेण्डारी, ओदारी, बरतीकला, इंजानी, चलगली में मेडिकल टीम के द्वारा मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना के तहत् स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही है। विकासखण्ड रामानुजगंज अंतर्गत त्रिशुली, तालकेश्वरपुर, सलवाही, देवीगंज, कालिकापुर, डुमरपान, मरमा, त्रिकुण्डा, बगरा, चुमरा, महावीरगंज, चिनियां, पिपरौल दोलंगी, धनपुरी (नागरा) महादेवपुर, ताम्बेश्वरनगर, मितगई, लोधा, पुरूषोत्तमपुर, देवीगंज, कालिकापुर, लावा एवं रामचन्द्रपुर हाट-बाजार में मेडिकल टीम के द्वारा मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है।
जिला प्रशासन तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने जिले के सभी जनमानस से अपील की है कि छत्तीसगढ़ शासन के महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना में सहभागिता सुनिश्चित करते हुए योजना का अधिक से अधिक लाभ उठायें।

जैविक खाद उत्पादन कर आत्मनिर्भर हो रही हैं समूह की महिलाएं
बलरामपुर / शासन की महत्वाकांक्षी योजना ‘‘सुराजी गांव योजना’’ जिसका घटक नरवा, गरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी विकास कार्यक्रम के घुरूवा संवर्धन के तहत बलरामपुर- रामानुजगंज जिले में गोबर की उचित प्रबंधन करने हेतु कृषि विभाग के मैदानी कर्मचारियों द्वारा निरंतर प्रयास कर कृषकों के घर-घर तक तकनीकी जानकारी दी जा रही। जिससे कृषक एवं महिला समूह न केवल जैविक खाद उत्पादन कर रहे है, बल्की इससे आर्थिक लाभ लेकर आत्मनिर्भर हो रहे हैं। राज्य शासन की योजना को गौठान से घर-घर तक पहुचाने में कृषि विभाग का कामयाबी यह एक साक्ष्य है। इसी कड़ी में जिले के विकासखण्ड बलरामपुर अन्तर्गत रनहत ग्र्राम पंचायत में जहां राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना द्वारा निर्मित वर्मी टैंक में कृषि विभाग की उचित तकनीकी मार्गदर्शन एवं आजिवीका मिशन की सहायता से स्व-सहायता समूह के महिला सदस्यों द्वारा केचुंआ खाद उत्पादन कर उसे अपने खेत में प्रयोग कर रहे हैं। महिला समूह केचुंआ खाद उत्पादन कर जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ इसे बेचकर अपनी आर्थिक स्थिति सुधार कर आत्मनिर्भर हो रहे है।

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