रायगढ़ । कस्टम मिलिंग में कुछ भी ठोस तरीके से नहीं किया जा रहा है इस वजह से अब ट्रक मालिक संघ को भी मौका मिल गया है। एफसीआई में चावल जमा करने के लिए परिवहन भाड़ा की दरें मनमाने तरीके से 25 प्रश से भी अधिक बढ़ा दी गई हैं।
जैसे ही सरकार ने कस्टम मिलिंग की दरें 120 रुपए करने का आश्वासन दिया, वैसे ही इसके साइड इफेक्ट शुरू हो चुके हैं। ट्रक मालिक संघ ने भी अब परिवहन भाड़े में बढ़ोतरी कर दी है। मिली जानकारी के मुताबिक एफसीआई के गोदामों में चावल जमा करने के लिए ट्रक मालिक संघ ने भाड़े में 25 प्रश से भी अधिक वृद्धि कर दी है। सीडब्ल्यूसी वन-टू, लोहरसिंग, औरदा और किरोड़ीमल नगर के गोदामों में चावल जमा करने के लिए न्यूनतम किराया 5000 रुपए और अधिकतम 9000 रुपए है। नाइट हाल्ट और डे हाल्ट के रेट भी बढ़ा दिए हैं। राइस मिलरों को अगर 120 रुपए प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि प्राप्त होती है तो यह भाड़ा ज्यादा नहीं है, लेकिन ट्रक मालिक संघ द्वारा तय दरों का कोई मैकेनिज्म नहीं है। मसलन सीडब्ल्यूसी वन और टू के लिए 5000-7500 के बीच भाड़ा है। लोहरसिंग के लिए यही रेंज 6000-8500 रुपए है। जबकि औरदा और किरोड़ीमल नगर की रेंज 7000-9000 रुपए है। इसके अलावा मार्कफेड ने समित से संग्रहण केंद्रों तक धान परिवहन का टेंडर भी तय नहीं किया है। संभवत: इसमें भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
पता चला है कि राइस मिलरों को जारी दूरी प्रमाण पत्रों में कुछ संदेहास्पद आंकड़े डाले गए हैं। समितियों से मिलों की वास्तविक दूरी से कहीं अधिक की एंट्री की गई है। कई राइस मिलरों ने जानबूझकर सांठगांठ कर दूरी बढ़वाई है ताकि उन्हें परिवहन बिल का अधिक भुगतान हो। इस मामले में मिलरों के अंदर से ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं।