रायपुर वॉच

किसानों पर बारदाना लाने का दबाव, छत्‍तीसगढ़ के कृषि मंत्री चौबे बोले- अनिवार्य नहीं

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रायपुर। बरादाना की कमी के बीच बुधवार से छत्‍तीसगढ़ प्रदेश में धान खरीदी शुरू हो रही है। पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने के कारण इस बार बारदाना की कमी बनी हुई है। इसे देखते हुए सरकार ने पहले ही दिन से ही किसानों के (पुराने) बारदाना में धान खरीदी करने का फैसला किया है। इसकी वजह से किसानों पर अपने बारदाना में धान लाने का दबाव बढ़ गया है।

ज्यादातर खरीदी केंद्रों में टोकन जारी करने से पहले किसानों से 25 से लेकर 50 फीसद तक स्वयं का बारदाना लाने का दबाव बनाया जा रहा है। हालांकि कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बारदाना लाने के लिए किसानों पर किसी तरह का दबाव डाले जाने से इन्कार किया है। उन्होंने कहा कि जिन सोसइटियों में पर्याप्त बारदाना उपलब्ध है वहां जरूरी नहीं है।

खाद्य विभाग के अफसरों के अनुसार इस वर्ष 105 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य है। इसके लिए करीब सवा पांच लाख गठान बारदाना की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए केंद्र सरकार की एजेंसी जूट कमिश्नर को मांग पत्र भेजा गया था, लेकिन केंद्र सरकार ने केवल दो लाख 14 हजार गठान बारदाना दिसंबर तक देने की सहमति दी थी, लेकिन अब तक केवल 86 हजार गठान ही बारदाना आया है। इसी वजह से बारदाना की कमी है।

ऐसे की जा रही बारदाने की व्यवस्था
नए बारदाने की कमी को देखते हुए सरकार उचित मूल्य दुकानों (पीडीएस) और राइस मिलरों के माध्यम से बारदाना की व्यवस्था कर रही है। अब तक इनसे एक लाख गठान बारदाने का इंतजाम किया जा चुका है। इसके साथ ही ओपन मार्केट से लगभग एक लाख 13 हजार गठान एचडीपीई-पीपी (प्लास्टिक) बारदाने की व्यवस्था की जा रही है।

आइएएस अफसर को सौंपी गई जिम्मेदारी
सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के अधिकारी को बारदाना क्रय, वितरण, केंद्रीय व अन्य अधिकारियों से नियमित समन्वय के लिए ओएसडी नियुक्त किया है। साथ ही किसानों को स्वयं के बारदानों में धान विक्रय की अनुमति दी गई है।

साजिश कर रही केंद्र सरकार : चौबे
बारदाने की कमी को लेकर कृषि मंत्री चौबे ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में मंगलवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को प्रभावित करने की साजिश कर रही है। यही वजह है कि हमने किसानों के पुराने बारदाना में खरीदी करने का निर्णय लिया है। चौबे ने कहा कि जिन सोसाइटी में बारदाना की उपलब्धता है वहां जरूरत नहीं है। इसके बावजूद भी किसान पहले दिन से ही अपने बारदाने में धान ला सकते हैं। यह बात हमने सार्वजनिक तौर पर कहा हैै।

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