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निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का अपमान बिल्हा जनपद के बाद.आरईएस के अधिकारियों ने भी किया

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  • अपने सम्मान के लिए ही संघर्ष कर रहे हैं कांग्रेस के समर्पित जनप्रतिनिधि मुखिया के संज्ञान में आने के बाद ही भी यह सिलसिला जारी

कमलेश लव्हात्रे/बिलासपुर : एसडीओ ग्रामीण यांत्रिकी विभाग ने सब इंजीनियर अनिल भारती को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। पत्र में बताया गया कि क्षेत्र में लगातार शासन का काम काज उद्घाटन और लोकार्पण का कार्यक्रम संचालन किया जा रहा है। बावजूद इसके किसी भी जनप्रतिनिधि को सूचना नही दी गयी है। और ना ही कार्यक्रम में आमंत्रित ही किया जाता है। अधिकारी ने तीन दिन के अन्दर सब इंजीनियर से जवाब पेश करने को कहा है।

जनता की मांग और जनप्रतिनिधियों के प्रसास से पंचायत क्षेत्रों में शासन की जनहित योजनाओं के तहत लगातार निर्माण कार्य किया जा रहा है। आए दिन लोकार्पण और उद्घाटन का भी आयोजन हो रहा है। लेकिन जनप्रतनिधियों को किसी प्रकार की तवज्जों नहीं दिए जाने की भी बात सामने आ रही है। इस बात को लेकर जनप्रतिनिधियों का आक्रोश धीरे धीरे बढ़ता ही जा रहा है। नया मामला ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग से सामने आया है।

बताते चलें कि कुछ दिनो पहले ही बिल्हा जनपद पंचायत सीईओ ने ऐसे की एक मामले में सचिव और नोडल अधिकारियों को मिलाकर कुल 14 लोगों को कारण बताओं नोटिस जारी किया था। नोटिस के जरिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जनप्रतिनिधियों को गोठान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में नहीं बुलाए जाने को लेकर जवाब मांगा था। नया मामला ग्रामीण अभियांत्रिकी विभाग से सामने आया है।

ग्रामीण अभियांत्रिकी विभाग अनुविभागयी अधिकारी उपसंभाग बिलासपुर ने सब इंजीनियर अनिल कुमार भारती को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में बताया गया है कि ग्राम पंचायत पौंसरा में डीएमएफ मद में सवीकृत सीसी.सड़क कार्य का ले आउट दिया गया है। मामले की जानकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अब तक दी गयी है। जबकि नियमानुसार पूर्व में निर्देश भी दिया गया है कि ग्राम पंचायत में किसी भी योजना के निर्माण कार्य का ले आउट देने के बाद ही क्षेत्र के स्थानीय जनप्रतिनिधि को सूचना देना अनिवार्य है।

पत्र में कहा गया है कि आदेश का ना केवल उल्लंघन हआ है। बल्कि जनप्रतिनिधियों को भी अपमानित किया है। ऐसा किन परिस्थितियों में किया गया..मामले में तीन दिनों के अन्दर स्पष्टीकरण पेश किया जाए।

पत्र में स्पष्ट किया गया है कि संतोषजनक जवाब नहीं होने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए खुद भारती जिम्मेदार होंगे।

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