जांजगीर चांपा। समर्थन मूल्य पर 1 दिसंबर से धान की खरीदी प्रारंभ हो रही है। इसके लिए शासन द्वारा 91 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन पंजीकृत रकबा के अनुसार जिले में करीब 82 लाख क्विंटल धान की खरीदी का अनुमान है। इस हिसाब से 2 करोड़ 5 लाख बारदाने की आवश्यकता होगी, परंतु जिम्मेदार विभाग के पास आधा ही उपलब्ध है। वह भी मिलर्स और पीडीएस का बारदाना मिलाकर। ऐसे में ऐन वक्त पर बारदाने की किल्लत होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन के निर्देश पर आगामी मंगलवार 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू की जाएगी। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में बारदाना की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन जिम्मेदार अमला और उच्चाधिकारी गंभीर नजर नहीं आ रहे है। शासन प्रशासन के तमाम निर्देशों के बावजूद जिले में होने वाली धान खरीदी के लिए पर्याप्त तो दूर आवश्यकता के मुताबिक आधी मात्रा में भी बारदाना उपलब्ध नहीं है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक जिले में इस बार शासन द्वारा 91 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है।
जबकि पंजीकृत रकबा तकरीबन सवा दो लाख हेक्टेयर के मुताबिक 82 लाख क्विंटल धान खरीदी का अनुमान विभागीय अधिकारी लगा रहे है। ऐसे में 82 लाख क्विंटल खरीदी को ही लक्ष्य मानकर देखा जाए तो इसके लिए विभाग को 41 हजार गठान यानि 2 करोड़ 5 लाख बारदाने की आवश्यकता होगी। इसमें विभाग के पास 7400 गठान नया बारदाना उपलब्ध है, तो वहीं मिलरों से 10 हजार गठान और पीडीएस के 4 हजार गठान बारदानों का उपयोग धान की खरीदी में करेंगे। इन सबको मिलाकर 21400 गठान बारदाने की उपलब्धता है। जबकि इसके अलावा 20 हजार गठान बारदाने की आवश्यकता और होगी।
बताया जाता है कि विभाग के पास कितने बारदाने उपलब्ध है, उसमें एक महीने की धान खरीदी हो सकती है। लेकिन इसके बाद समय पर बारदाना नहीं मिला तो, केन्द्रों में बारदाने की किल्लत के चलते धान खरीदी ठप होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। उल्लेखनीय है कि कृषि प्रधान जांजगीर चांपा जिले में धान की रिकार्ड खरीदी होती है। समर्थन मूल्य पर की जाने वाली धान खरीदी में जांजगीर चांपा जिला हर साल पूरे प्रदेश में अव्वल होता है। इसके साथ ही हर बार की धान खरीदी में केन्द्रों में बारदाने की किल्लत भी होती है।
जबकि किसानों के रकबा पंजीयन के साथ ही खरीदी का लक्ष्य निर्धारित हो जाता है। वहीं हर बार बारदाने की होने वाली किल्लत की स्थिति से निपटने का अनुभव अलग बावजूद इसके खरीदी के पूर्व बारदाने की आधा अधूरी व्यवस्था समझ से परे है। समर्थन मूल्य पर 1 दिसंबर से धान की खरीदी होगी इसे देखते हुए धान बेचने के लिए कुल 1 लाख 98 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है। इस साल तकरीबन 5600 नए किसान भी बढ़ गए हैं।
हालांकि धान उपार्जन केंद्रों की संख्या बढ़ाए जाने को लेकर विचार विमर्श अभी चल रहा है। जिला प्रशासन के द्वारा धान खरीदी को लेकर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है। नोडल अफसर संबंधित धान उपार्जन केंद्रों का दौरा कर वहां के धान खरीदी की स्थिति धान का उठाव साफ सफाई की आवश्यक व्यवस्था तिरपाल एवं पॉलियोन की आवश्यक व्यवस्था को लेकर नजर भी रखेंगे इस दौरान लापरवाही बरते जाने पर संबंधित उपार्जन केंद्रों के प्रभारियों पर कार्रवाई भी हो सकती है।
वर्जन
इस साल 91 लाख क्विटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 19800 गठान की आवश्यकता पड़ेगी । साथ 7500 गठान की व्यवस्था कर ली गई है। बाकी की भी व्यवस्था जल्ट की जाएगी। पंजीकृत किसानों की संख्या भी धान बेचने के लिए बढ़ रही है। इस संबंध में कर्मचारियों को दिशा निर्देश भी जारी किया गया है।
सुनील सिंह राजपूत जिला विपणन अधिकारी जाजगीर चंापा