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योग-प्राणायाम व आयुर्वेद से कैंसर जैसा असाध्य रोग होता है क्योर: संजय गिरि

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चिरमिरी/कोरिया (भरत मिश्रा)। एक- एक घंटे भ्रस्त्रिका कपालभांति व अनुलोम- विलोम के अभ्यास से हमारे शरीर में बढ़े हुए ऑक्सीजेनेटेड एनवायरनमेंट के कारण कैंसर के थर्ड- फोर्थ लेवल के रोगी क्योर किये जा सकते है। उक्त बातें योगाचार्य संजय गिरि नें विगत शनिवार को लायंस क्लब वरदान के तत्वाधान में आयोजित बच्चों में बढ़ते कैंसर के एक योग शिविर ” चाइल्डहुड कैंसर” के एक कार्यक्रम में चिरमिरी में कही।

श्री गिरि नें बच्चों को सुबह 6 बजे से 8 बजे तक योगाभ्यास कराते हुए बताया कि हमारे शरीर के कोशिकाओं के अनियमित ग्रोथ व टूटने की क्रिया ही कैंसर है जिससे ब्लड कैंसर ब्रेन कैंसर पैंक्रियाटिक कैंसर लिवर कैंसर व अन्य सभी अंगों के कैंसर वर्तमान में बहुतायत देखे जा रहे है जिसमें हमारे बच्चे भी काफी शामिल है। जिन्हें हम प्राणायाम व कुछ आयुर्वेदिक औषधियों से न सिर्फ कंट्रोल बल्कि क्योर कर सकते है। किसी को निराश होने की जरूरत नही है।

योगाचार्य श्री गिरि नें इस संबंध में भ्रस्त्रिका कपालभांति अनुलोम- विलोम भ्रामरी उद्दगीथ व प्रणव ( मैडिटेशन ) प्राणायाम के निर्धारित टाइमिंग व महत्व वैज्ञानिक व्याख्या बताते हुए अभ्यास कराए व कुछ आयुर्वेदिक औषधियों के प्रयोग बताए। जिसे बच्चों महिलाओं पुरुषों ने उत्साह से सुना व प्राणायाम के अभ्यास किये। शिविर में लायंस क्लब वरदान की चार्टर अध्यक्ष मुनमुन जैन, सुमन बंसल, आभा अग्रवाल, अंकिता अग्रवाल अन्य पदाधिकारी, बच्चे व अन्य योगाभ्यासी उपस्थित रहे।

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