टीकम निषाद/देवभोग : देश के गरीब परिवारों को हर हाल में 2022 तक पीएम आवास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा देने की वादा के बाद कच्चा मकान मैं निवासरत गरीबों ने पक्के मकान का सपना तो सजा लिया मगर अब लाखों हितग्राहियों के सपने में ब्रेक लग चुका है। इसे भेद भाव माने या फिर राज्य सरकार के पास बजट का टोटा कहें। क्योंकि बीते 4 साल से अधिक समय में प्रदेश के एक तिहाई आवास हीन पात्रता वाले गरीबों को पीएम आवास नहीं मिल पाया है । अगर गरियाबंद की बात करें तो 72 हजार 514 हितग्राहियों को आवास देना है। लेकिन अब तक सिर्फ 43 हजार 268 गरीबों को आवास मिल पाया है। जबकि पूरे छत्तीसगढ़ में 19 लाख 63 हजार 374 हितग्राहियों को आवास मिलना है। मगर 11 लाख 2 हजार 618 हितग्राहियों को ही आवास मिल पाया है । जिसमे एसटी वर्ग के 4 लाख 42 हजार 588 लोगों को मिला। इसी तरह एससी वर्ग के 2 लाख 11 हजार 866 पात्रता वाले को आवास मिल पाया है । इसके अलावा पिछड़ा वर्ग के 4 लाख 41 हजार हितग्राही लाभान्वित हुए। साथ ही माइनॉरिटी के 5 हजार 133 और विकलांग के 954 हितग्राहियों को आवास मिल पाया है । ऐसे में मोदी जी द्वारा जनता से किए वादे को किस तरह पूरा किया जा सकता है। क्योंकि यह सत्र जुम्मा जुम्मा 8 महीना ही बच गया है। और इन माह में आठ लाख से अधिक हितग्राहियों को पीएम आवास आवंटित करना मुश्किल दिखाई पड़ रहा है। और इससे अनभिज्ञ हितग्राही वर्तमान में भी प्रधानमंत्री आवास मिलने की आश लगाए हुए हैं। जबकि इस सत्र में इतनी संख्या में गरीबों को पीएम आवास नहीं मिलने की बात आईना की तरह साफ हो गया है। क्योंकि राज्य सरकार ने पहले ही पीएम आवास को लौटा दिया ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री आवास की कल्पना कैसे किया जा सकता है ।
चुन्नीलाल साहू सांसद महासमुंद लोक सभा -: राज्य सरकार केंद्र सरकार की योजनाओं को फेल कर गरीबों के साथ अन्याय कर रही है क्योंकि मोदी जी ने करीब सात लाख आवास दिया रहा जिनमे सिर्फ 1 लाख आवास बनाकर बाकी को राज्य सरकार ने लौटा दिया