कमलेश लव्हत्रे/बिलासपुर : हलषष्ठी का व्रत माताएं अपने पुत्रों के दीर्घायु होने के लिए रखती हैं. इस दिन बलराम जयंती भी मनाई जाती है.। वार्ड क्रमां क 43 देवरीखुर्द बंशीलाल धृतलहरे नगर की बहनो ने मिलकर हलषष्ठी की पूजा अर्चना की । हल षष्ठी व्रत संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है, हल षष्ठी, बलराम जयंती भादो माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हल षष्ठी का व्रत रखा जाता है. । इसे हल छठ भी कहते हैं. हिंदू धर्म के अनुयायियों द्वारा भादो कृष्ण षष्ठी को बलराम जयंती के रूप में भी मनाते हैं. मान्यता है कि इस तिथि को भगवान श्री कृष्ण के बड़े भ्राता बलराम का जन्म हुआ था. बलराम जयंती पर माताएं भगवान श्री कृष्ण के साथ उनके बड़े भाई बलराम की विधि विधान से पूजा करती हैं. तथा अपने पुत्र की लम्बी आयु का वरदान मांगती हैं पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बलराम जयंती, हल छठ या हल षष्ठी का व्रत संतान की लंबी आयु और सुखमय जीवन के लिए रखा जाता है. इस दिन माताएं निर्जला व्रत रखती हैं तथा बलराम जी की और हल की विधि विधान से पूजा करती है. बलराम जी का अस्त्र गदा के साथ हल भी है. इस लिए इस षष्ठी तिथि को हल षष्ठी या हल छठ कहते हैं. धार्मिक मान्यता है कि बलराम जी की कृपा से संतान दीर्घायु होती है और उसका जीवन सुखमय तथा खुशहाल होता है.।
बहनो ने मिलकर हलषष्ठी की पूजा अर्चना की
