नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि हाईकोर्ट ने मामला एडजर्न कर दिया है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट मामले पर सुनवाई कर रहा है. भूषण ने कहा- वैसे भी यह को-वॉरेंटो रिट है तो सुप्रीम कोर्ट ही इस मामले पर सुनवाई करे. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश आस्थाना नियुक्ति से सम्बंधित मामले का दो हफ्ते में निपटारा करे. हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट इसपर सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमण की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि हाईकोर्ट को हम निर्देश देना चाहेंगे कि दो हफ्ते में राकेश अस्थाना से संबंधित याचिका का निपटारा करें. प्रशांत भूषण ने कहा कि बेतुकी याचिकाएं जानबूझकर हाईकोर्ट में दाखिल की जा रही है. यह नियुक्ति कानूनी तौर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है और यही वजह है कि मैं आपसे इस मामले कि सुनवाई करने कि गुजारिश कर रहा हूं.
बता दें सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है जिसमे कहा गया है कि राकेश अस्थाना की नियुक्ति गैर कानूनी है. पुलिस चीफ के तौर पर उनकी नियुक्ति रिटायरमेंट से चार दिन पहले हुई है. जबकि नियम के मुताबिक किसी भी पुलिस चीफ की नियुक्ति रिटायरमेंट से छह महीने पहले होनी चाहिए. साथ ही नियुक्ति की प्रक्रिया UPSC के तहत होनी चाहिए जो की इस मामले में नहीं हुआ है. ये सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवहेलना है.
उधर बुधवार को हुई सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ये मामला सीधा सुप्रीम कोर्ट नहीं आ सकता. इसको पहले हाईकोर्ट जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को सही मानते हुई याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने को कहा लेकिन मामले की संजीदगी को देखते हुए आदेश दिया कि हाईकोर्ट को दो हफ्ते में इस मामले में फैसला देना होगा. अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट के फैसले की समीक्षा करेगा.