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स्कूल के जर्जर भवन में पढ़ने मजबूर है बच्चे

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  • विभागीय अधिकारियों को नही है स्कूल के जर्जर भवन कि सुध लेने की फुर्सत

आफ़ताब आलम/बलरामपुर : अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा यह प्राइमरी स्कूल,, बच्चों में पढ़ने कि ललक लेकिन सुविधाएं नहीं, विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक गांव के बच्चे को पेड़ की छांव के तले ही किस्मत संवारने की ज्योत जला रहे हैं।बलरामपुर जिले के विकासखण्ड रामचन्द्रपुर के ग्राम पंचायत केवली में ऐसा ही प्राथमिक स्कूल है जहां बच्चे स्कूल भवन होने के बाद भी बाहर पेड़ के नीचे बैठ कर बच्चे पढ़ाई करते हैं। स्कूल भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है और कभी भी गिर सकता है। कोरोना संक्रमण महामारी के कारण पिछले लगभग 2 सालों से स्कूल बंद थे बावजूद इसके स्कूल भवनों की मरम्मत पर किसी जिम्मेदार अधिकारी का ध्यान नहीं गया और अब स्कूल जब खुले हैं तो भी हालात पहले से ज्यादा खराब है।

बच्चे पढ़ना चाहते हैं स्कूल भी आते हैं

बच्चे पढ़ना तो चाहते हैं और स्कूल भी आते हैं उनके संख्या भी काफी बेहतर होती है लेकिन अगर कभी भी तेज बरसात हुआ तो बच्चे यहां से चले जाते हैं क्योंकि वह भवन के अंदर नहीं बल्कि बाहर पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई करते हैं।

जिला शिक्षा अधिकारी ने क्या कहा…

इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी बी एक्का से सवाल पूछा गया तो जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि अभी उनके संज्ञान में यह बात आई है और जल्द ही यहां उचित व्यवस्था की जाएगी, स्कूल भवन के मरम्मत के लिए राशि आबंटित किया जाएगा।

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