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आकाशीय बिजली गिरने से पकड़ने गए चाचा-भतीजे की मौत, 8 साल का बच्चा और महिला झुलसे

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कोरबा : आकाशीय बिजली गिरने से तीन अलग-अलग घटनाओं में चाचा-भतीजा की मौत हो गई। वहीं, महिला और 8 साल का बच्चा झुलस गए हैं। मरने वालों में 14 साल का बच्चा भी शामिल है। वह अपने चाचा के साथ मछली पकड़ने के लिए गया था। महिला और बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर है। हादसे बांगो, बांकीमोंगरा और सिटी कोतवाली क्षेत्र में हुए हैं। बांकीमोंगरा क्षेत्र के भद्रापारा निवासी रामसिंह धनवार (26) अपने 14 साल के भतीजे घुड़देवा निवासी बैसाखू के साथ छत घाट पर शाम करीब 6 बजे मछली पकड़ने गया था। दोनों घर लौटने की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान गरज-चमक के साथ तेज बारिश होने लगी। इससे पहले कि दोनों वहां से लौटते आकाशीय बिजली उनके ऊपर गिरी। सूचना मिलने पर पुलिस उन्हें SECL के अस्पताल लेकर पहुंची, लेकिन वहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। दूसरी ओर बांगो क्षेत्र के लमना में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 8 साल का देवसाय घायल हो गया। वह अपने पिता के साथ घर की बाड़ी में ही बकरी चरा रहा था। बिजली गिरने से बच्चे की शरीर और चेहरा झुलस गया। सूचना मिलने पर 112 की टीम गांव के आस-पास मौजूद हाथियों के झुंड को पार कर पहुंची और बेहोश बच्चे को उपस्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया। वहीं शहर के डीडीएम रोड पर आकाशीय बिजली की चपेट में आने से तुलसी नगर निवासी राधा बाई गंभीर रूप से झुलस गईं।

उत्तरी छत्तीसगढ़ में आज हो सकती है अच्छी बारिश
मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा के अनुसार एक निम्न दाब का क्षेत्र तटीय ओडिशा और उससे लगे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर है। ऊपरी हवा का चक्रवात भी है। एक उत्तर-दक्षिण द्रोणिका निम्न दाब के केंद्र से उत्तर तमिलनाडु तक 1.5 किमी ऊंचाई तक है। मानसून द्रोणिका फिरोजपुर, हिसार, दिल्ली, हरदोई, वाराणसी, देहरी, रांची, निम्न दाब के केंद्र होते हुए पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी तक है। इसके चलते बुधवार को भी बिलासपुर और सरगुजा संभाग में भारी वर्षा की संभावना है। जबकि शेष हिस्से में हल्की बारिश हो सकती है।

3 लाख किमी प्रति घंटा की रफ्तार से धरती पर गिरती है बिजली; इससे बचने के 6 तरीके

  • सिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे बैठकर कान बंद कर लें। यह इस बात का संकेत है कि आपके आसपास बिजली गिरने वाली है।
  • जहां हैं, वहीं रहे। हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें।
  • दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लें। सिर को जमीन से सटने न दें।
  • जमीन पर कभी न लेटें।
  • बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहें, तार वाले टेलीफोन का इस्तेमाल न करें। खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें।
  • पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं, इसलिए पेड़ के नीचे खड़े न हों। समूह में न खड़े रहें, अलग-अलग हो जाएं।
  • घर से बाहर हैं तो धातु से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल न करें। बाइक, बिजली के पोल या मशीन से दूर रहें।

क्यों गिरती है बिजली?
आकाशीय बिजली इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज है। ऐसा तब होता है, जब बादल में मौजूद हल्के कण ऊपर चले जाते हैं और पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं। भारी कण नीचे जमा होते हैं और निगेटिव चार्ज हो जाते हैं। जब पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज अधिक हो जाता है तब उस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है। अधिकतर बिजली बादल में बनती है और वहीं खत्म हो जाती है, लेकिन कई बार यह धरती पर भी गिरती है। आकाशीय बिजली में लाखों-अरबों वोल्ट की ऊर्जा होती है। बिजली में अत्यधिक गर्मी के चलते तेज गरज होती है। बिजली आसमान से धरती पर 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गिरती है।

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