प्रांतीय वॉच

मिलती रही है तो सिर्फ तारीखः आवागमन को सुगम बनानें महीनें भर में न तो गड्ढ़े भरें और न ही 4 किमी अंतरराज्यीय मार्ग के लिए स्वीकृत हो पाई राशि

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तिलकराम मंडावी/डोंगरगढ़ : छत्तीसगढ़ से महाराश्ट्र को जोड़नें वाली अंतरराज्यीय सड़क निर्माण वर्शों से अधूरी है। 4 किलोमीटर की सड़क इसलिए अधूरी पड़ी हुई है, क्योंकि राज्य सरकार ने षेश निर्माण के लिए अब तक फंड रिलीज ही नहीं किया है। अधूरें सड़क निर्माण से आक्रोषित ग्रामीणों व वार्डवासियों ने महीनें भर बाद फिर से लोक निर्माण विभाग के खिलाफ अलग-अलग तरीकों से प्रदर्षन कर विरोध जताया। मंगलवार को जनता कांग्रेस छग जे के बैनर तलें आम लोगों ने जेल रोड व थाना चैक के गड्ढ़ों में धान का रोपा लगाकर प्रदर्षन किया। जेल रोड से लेकर पीडब्ल्यूडी दफतर तक पैदल मार्च करतें हुए जमकर नारेबाजी की और मुख्यमंत्री का पुतला फूंकनें का प्रयास किया। लेकिन पुलिस ने झूमाझटकी कर कार्यकर्ताओं के हाथ से पुतला छीन लिया। पार्टी के प्रदेष कोर कमेटी सदस्य नवीन अग्रवाल के नेतृत्व में महीनें भर पहलें अंतरराज्यीय सड़क को जाम करके राषि स्वीकृत होतें तक आवागमन को सुगम बनानें की मांग की थी। पीडब्ल्यूडी एसडीओ के आष्वासन के बाद भी सड़क के गड्ढ़ों तक महीनें भर में नहीं भरा गया। जिससें आक्रोषित वार्डवासियों व ग्रामीण फिर से विभाग के खिलाफ लामबंद हुए और पैदल मार्च करतें हुए दफतर में जमकर हंगामा किया और अफसर से सड़क निर्माण की दुर्दषा पर जवाब मांगा। एसडीओ तोरन ठाकुर फिर से पुरानें जवाब को लेकर पहुंचें किंतु भीड़ के सामनें उनकी एक न चली और लिखित में जवाब मांगनें पर अड़ गए।

अब तक मिलती रही है तो सिर्फ तारीख– मुख्यमंत्री का पुतला छीन जानें के बाद कार्यकर्ता दफतर के सामनें ही नारेबाजी करतें हुए धरनें पर बैठ गए। एसडीओ ठाकुर ने मौके पर आकर बताया कि 4 करोड़ 38 लाख 75 हजार रूपए का प्रपोजल राज्य षासन को भेजा गया है। राषि स्वीकृत होनें के बाद ही निर्माण षुरू करा दिया जाएगा। किंतु कार्यकर्ता व नागरिक आक्रोषित हो गए और कहा कि हर बार उन्हें सिर्फ तारीख ही मिली है। महीनें भर पहलें भी गड्ढ़े भरनें का आष्वासन दिया गया था और राषि स्वीकृत होनें की बात कही गई थी। अब फिर से नई तारीख देकर जनता को गुमराह किया जा रहा है।

लिखित में जवाब मिलनें के बाद ही हटे कार्यकर्ता व नागरिक- एसडीओ के मौखिक आष्वासन के बाद कार्यकर्ता और आक्रोषित हो उठें और दफतर के भीतर घुसनें का प्रयास किया। किंतु पुलिस ने दफतर का मेन गेट बंद कर अंदर जानें से रोक दिया और इस बीच पुलिस व कार्यकर्ताओं के बीच झूमाझटकी भी हुई। कार्यकर्ताओं ने साफ तौर पर कहा कि जब तक लिखित में जवाब नहीं मिलेगा तब तक वे दफतर से नहीं हटेंगे। जिसके बाद सप्ताह भर के भीतर गड्ढ़ों को भरकर आवागमन को सुगम करनें का लिखित में आष्वासन एसडीओ ने दिया। इसके बाद ही कार्यकर्ता दफतर से हटे।

ये तो राजनीति है, इसलिए दोनों प्रमुख दल चुप बैठे- जिस सड़क निर्माण को लेकर बीजेपी व कांग्रेस दोनों दल आंदोलन करतें रहे और स्वीकृति को लेकर श्रेय लेनें की होड़ मची रही। वहीं दोनों दल अब 4 किलोमीटर अधूरें निर्माण पर न तो आंदोलन कर रहे है और न ही श्रेय लेनें के लिए सामनें आ रहे। इसे दोनों दल की राजनीति कहें तो कोई गलत नहीं होगी। क्योंकि बीजेपी का कहना है कि केंद्र की स्वीकृत राषि से बोरतलाव से खरकाटोला तक निर्माण हो चुका है। अधूरें निर्माण के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार बताया। वहीं कांग्रेस अब अधूरें निर्माण को लेकर आंदोलन नहीं कर रही। क्योंकि निर्माण की जवाबदारी राज्य पर है। दोनों दल अपनी राजनीतिक रोटी सेंक रहे है।

सप्ताह भर में राहत नहीं मिली तो उग्र प्रदर्षन की चेतावनी- कार्यकर्ताओं ने सप्ताह भर के भीतर आवागमन को सुगम कर राहत नहीं दी गई तो अब उग्र आंदोलन होगा जिसकी जवाबदारी पीडब्ल्यूडी की होगी। प्रदर्षन के दौरान जिलाध्यक्ष विश्णु लोधी, षेख जफर अली, षुभम चोकोले, अलकेष उजवने, टिंकू देवांगन, विनोद पुराम, अषरफ अली, परदेषी, पोखराज कंवर समेत बड़ी संख्या में खरकाटोला के ग्रामीण, जेल रोड के वार्डवासी उपस्थित रहे।

टोल टैक्स बचानें दौड़ रहे भारी वाहन– पार्टी के जिलाध्यक्ष विश्णु लोधी, युवा लोकसभा अध्यक्ष अमर गोस्वामी व षहर अध्यक्ष षुभम चाकोले ने कहा कि नेषनल हाइवे के टोल टैक्स से बचनें के लिए महाराश्ट्र व मध्यप्रदेष के वाहन चालक छत्तीसगढ़ आनें के लिए इसी अंतरराज्यीय मार्ग का उपयोग करतें है। इसी वजह से सड़क की हालत और भी खस्ताहाल हो गई है। अधूरें सड़क निर्माण की समस्या का मुद्दा संसद में उठनें के बावजूद अब तक अधूरा निर्माण फिर से षुरू नहीं हो सका है। 5 दिसंबर 2020 को संसद में अंतरराज्यीय सड़क निर्माण का मुद्दा उठा था। लेकिन संसद में मुद्दा उठनें के बावजूद निर्माण अधूरा ही पड़ा है।
फोटो डीजीजी 01 थाना चैक के गड्ढ़ों में कार्यकर्ताओं ने धान के पौधें रोपे।

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