रायपुर | मुख्य सचिव आर.पी. मंडल की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल की 47वीं बैठक सम्पन्न हुई। प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सेक्टर-13 नवा रायपुर अटल नगर में मंडल द्वारा अत्याधुनिक केन्द्रीय पर्यावरणीय प्रयोगशाला लोक निर्माण विभाग के माध्यम से तैयार की जाएगी। विभिन्न पर्यावरणीय पैरामीटर्स को मापने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य की यह अत्याधुनिक प्रयोगशाला होगी, जिसमें जन-जागरूकता के लिए विभिन्न पर्यावरणीय विषयों पर माॅडल्स की प्रदर्शनी भी रहेगी।
बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य के उद्योग जैसे स्पंज आयरन संयंत्र, स्टील प्लांट, सीमेंट प्लांट आदि में बड़ी मात्रा में लगने वाले कच्चे माल आयरन ओर, जिप्सम, कोयला, स्पंज आयरन, सीमेंट आदि का परिवहन सड़क मार्ग से मेकेनिकली कव्हर्ड वाहनों से ही किए जाने का निर्णय लिया गया एवं मेकेनिकली कव्हर्ड वाहनों की अनुपलब्धता की स्थिति में उद्योगों को एक वर्ष का समय इस शर्त के साथ प्रदान किया गया कि उद्योगों द्वारा कच्चे माल/उत्पादों का परिवहन तारपोलिन अथवा उपयुक्त मटेरियल से उचित एवं पर्याप्त रूप से ढंककर किया जाए। बैठक में गंभीर प्रदूषित औद्योगिक क्षेत्र रायपुर के सिलतरा एवं उरला तथा अन्य प्रदूषित क्षेत्र कोरबा एवं भिलाई में प्रदूषण के मुख्य स्त्रोतों का अनुपात एवं उसे वहन करने की क्षमता का अध्ययन ख्यातिलब्ध संस्थाओं जैसे आई.आई.टी., एनआईटी अथवा नीरी नागपुर से कराए जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में नेशनल क्लीन एयर क्वालिटी माॅनिटरिंग सिस्टम के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसी प्रकार प्रदेश की 5 प्रदूषित नदियों में अपस्ट्रीम एवं डाउनस्ट्रीम में 10 कंटीन्यूअस वाटर क्वालिटी माॅनिटरिंग सिस्टम के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
बैठक में निर्णय लिया गया कि पर्यावरण संरक्षण हेतु मंडल रायपुर, भिलाई-दुर्ग एवं बिलासपुर के ऐतिहासिक महत्व के कुछ तालाबों में पर्यावरणीय सुधार एवं उनके जीर्णोद्धार का कार्य भी करेगा। इसके लिए कार्य प्रस्ताव तैयार करने का निर्णय लिया गया। बैठक में प्रबंध संचालक वन विकास निगम श्री राजेश गोवर्धन, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ अधोसंरचना विकास निगम श्री अनिल राय, आयुक्त नगर पालिक निगम बिलासपुर श्री प्रभाकर पाण्डेय एवं सदस्य सचिव छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल श्री आर.पी. तिवारी उपस्थित थे।