देश दुनिया वॉच

QUAD में भारत ने चीन की फिर छेड़ी दुखती रग, ड्रैगन को चुभते मुद्दे पर चर्चा

Share this

नई दिल्ली: भारत (India) के डिफेंस एक्सपर्ट दो टूक कह चुके हैं कि चीन लद्दाख (Ladakh) में भारत को उलझाए रख हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी आक्रामक विस्तारवादी नीति को बढ़ावा दे रहा है. इसे समय रहते पहले ही भांप कर मोदी सरकार (Modi Government) ने कूटनीतिक स्तर पर वैश्विक प्रयास तेज कर दिए थे. इस कड़ी में एक बड़ा मंच साबित हो रहा है क्वाड (QUAD) यानी भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का गठबंधन. चीन (China) भी संभवतः इसीलिए क्वाड से खुन्नस खाता है. एलएसी पर पीएलए के जमावड़े के बीच भारत ने क्वाड बैठक में एक बार फिर चीन की दुखती नस पर हाथ रखा है. बीते दिन क्वाड देशों के अधिकारियों ने वर्चुअल बैठक कर हिंद प्रशांत क्षेत्र के लक्ष्य को हासिल करने के साथ बुनियादी ढांचे, समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद रोधी उपाय और कनेक्टिविटी के क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने पर चर्चा की.

अमेरिका वे साझा हितों का दिया हवाला
बैठक के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों ने आपसी हित के कई विषयों पर चल रहे सहयोग को आगे बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया. इनमें क्षेत्र में रणनीतिक चुनौतियां, लोकतंत्र और मानवाधिकारों को बढ़ावा देना, अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को मजबूत करना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के कमजोर देशों का समर्थन करना शामिल है. अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि 12 मार्च को डिजिटल तरीके से आयोजित शिखर सम्मेलन में मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों के बीच महत्वपूर्ण चर्चा को आगे बढ़ाने की दिशा में बैठक आयोजित की गई.

भारत ने जताई कोरोना पर चिंता
एक अलग बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि चर्चा ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में कोविड-19 के व्यापक प्रभाव और महामारी को रोकने तथा स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान किया. जापान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि बैठक में पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति पर विचार-विमर्श के अलावा टीकों, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्रों में सहयोग के लिए प्रगति की भी समीक्षा की गई.

क्वाड को विस्तार देने के संकेत
दरअसल, क्वाड समूह में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. भारत और अमेरिका का मानना है कि क्वाड साझा हितों पर आधारित साझेदारी है. इसे एक विशेष समूह बनाने का इरादा नहीं है. कोई भी देश जो स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र की वकालत करता है, वह इसका हिस्सा किसी न किसी रूप में बन सकता है. कोविड के दौरान इसे और भी प्रभावी तरीक़े से महसूस किया गया है. अमेरिका, भारत सहित क्वाड के अन्य देशों ने कोविड सहयोग के विस्तार के लिए क्वाड के मंच का उपयोग किया है.

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *